ABC NEWS: यूपी में कोरोना का प्रकोप कम नहीं हो रहा है. राजधानी लखनऊ में मंगलवार को 15 लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी कोरोना संक्रिमित हो गए हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की चिंता बढ़ गई है. राहत की बात यह है कि किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है.
सबसे ज्यादा अलीगंज में छह लोग कोरोना की चपेट में पहुंच गए हैं. इसमें चार पुरुष व दो महिला शामिल हैं. चिनहट में दो, सरोजनीनगर में तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. सिल्वर जुबली व टुड़ियागंज में दो-दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संक्रमितों के परिवारीजनों की कोविड जांच कराई जा रही है.
कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 70 पहुंच गया है. इसमें 60 फीसदी पुरुष व 40 प्रतिशत महिला मरीज हैं। सभी मरीज होम आइसोलेशन में हैं। डॉक्टरों की टीम मरीजों की सेहत की निगरानी कर रही है. फोन पर सेहत संबंधी जानकारी ली जा रही है. मरीजों को दवाएं भी प्रदान की जा रही है. सीएमओ कंट्रोल रूम भी एक्टिव हो गया है. छह मरीजों ने वायरस को मात देने में कामयाबी हासिल की है. डिप्टी सीएमओ डॉ. निशांत निर्वाण के मुताबिक संक्रमितों की पहचान के लिए अधिक से अधिक लोगों की जांच करने के लिए कहा गया है.
जुकाम की तरह चला जाएगा कोरोना
देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से डरने की जरूरत नहीं है. यह सामान्य खांसी-जुकाम की तरह रहेगा और चला जाएगा. वर्तमान में बढ़ रहे कोरोना के आंकड़े सिर्फ संख्या हैं. इतनी बड़ी आबादी में 30 या 40 केस मिलना कोई गंभीर बात नहीं है. यह सिर्फ नेचुरल इम्युनिटी के उतार-चढ़ाव के कारण है. यह बात आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक व कोरोना संक्रमण की विभिन्न लहरों में गणितीय मॉडल सूत्र से सही आकलन करने वाले प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कही.
उन्होंने कहा कि चार गुना या 10 गुना केस बढ़ना भी खतरनाक नहीं है. कोरोना भी एक फ्लू है, जिसका असर हमेशा दिखाई देगा। वर्तमान में आने वाले मरीज पूर्व की भांति कोरोना से सीरियस कंडीशन में नहीं हैं. फ्लू होने या कोरोना से संक्रमित होने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है.