सितंबर अंत से शुरू होगी ठंड: कानपुर के मौसम विज्ञानी बोले- ‘ ला नीना ‘ प्रभाव से फिर पड़ेगी कड़ाके की ठंड

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ABC NEWS: यूपी में इस बार भी कड़ाकेदार ठंड पड़ने वाली है. प्रशांत महासागर और भूमध्य सागर में लगातार तीसरे साल भी ‘ला नीना’ का असर देखने को मिल रहा है. ला नीना का प्रभाव अधिक होने से ज्यादा ठंड पड़ती है. इस बार सितंबर अंत तक ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी.

मौसम विज्ञानी बोले- ठंड पर भी क्लाइमेट चेंज का असर
चंद्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि ‘ला नीना’ का प्रभाव क्लाइमेट चेंज के दुष्प्रभावों में से एक है. प्रशांत महासागर में ‘अल नीनो’ की वजह से बदलाव की शुरुआत होती है. इसका असर दुनिया के कई हिस्सों पर पड़ता है. वहीं इस बार कुछ सालों की तुलना में ठंड का प्रकोप ज्यादा होने वाला है. न्यूनतम तापमान यूपी के कुछ जिलों में जीरो से 3 डिग्री तक जा सकता है.

मानसून ने शुरू की वापसी
कानपुर समेत पूरे यूपी में मानसून की वापसी शुरू होने लगी है. अगले 3 दिनों में मानसून वापस लौट जाएगा. लेकिन लौटते हुए बादल भी छिटपुट बारिश का दौर जारी रखेंगे. यूपी ईस्ट में बारिश का दौर अभी 3 दिनों तक बना रह सकता है. मौसम विभाग की माने तो 17 सितंबर तक यूपी से मानसून वापस लौटने लगता है. वहीं पूरे देश में 15 अक्टूबर तक वापसी होती है. इस बार ईस्ट यूपी में सामान्य से 47 और वेस्ट यूपी में 46 MM कम बारिश रिकॉर्ड की गई है.

यूपी ईस्ट में अभी होती रहेगी बारिश
मौसम विज्ञानी डा. पांडेय के मुताबिक लौटते मानसून की वजह से वेस्ट यूपी में अब बारिश नहीं होगी. वहीं ईस्ट यूपी में अगले 3 से 4 दिनों तक छिटपुट बारिश होती रहेगी. इसमें भी वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर की तरफ ज्यादा बारिश होगी. हालांकि बादल पूरे यूपी में छाए रह सकते हैं. मध्य प्रदेश के ऊपर बना रहा मौसमी सिस्टम में भी एंटी साइक्लोन हवाएं आने लगी हैं. इससे मानसून की वापसी तय हो गई है.

बीते 3 सालों से ला नीना की स्थिति
पिछली बार ‘ला नीना’ की स्थिति अगस्त-सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 और 2021-22 में भी यही स्थिति बनी थी. इसके चलते जल्दी ठंड पड़ना शुरू हो गई थी. साथ ही साथ कड़ाके की सर्दी भी पड़ेगी. मौसम विभाग के अनुसार ‘ला नीना’ की स्थिति इस साल सितंबर से नवंबर के बीच रहेगी, इससे इस साल की सर्दियों के दौरान कड़ाके की ठंड पड़ेगी.

क्या होता है ला नीना
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, ‘अल नीनो’ और ‘ला नीना’ शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में होने वाले परिवर्तन से है. वैज्ञानिक भाषा में प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा से ऊपर 140 से 120 डिग्री के बीच के हिस्से को नीनो-3.4 रीजन कहा जाता है. जब इस क्षेत्र में समुद्री सतह का तापमान सामान्य से नीचे होता है तो इस स्थिति को ला-नीना कहते हैं. इससे दुनिया भर में मौसम पर प्रभाव पड़ता है. बता दें कि‘ला नीना’ स्पेनी भाषा का शब्द है. इसका मतलब छोटी बच्ची होता है.

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