ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर चिड़ियाघर में सात अक्टूबर 2014 को पहली बार टाय ट्रेन की शुरुआत हुई. ढाई किलोमीटर के दायरे में चलने वाली इस ट्रेन की चपेट में आने शिक्षिका की जान चली गई. इसके बाद शुरू हुई जांच में ट्रेन के संचालन में बरती जा रही लापरवाही की परतें एक-एक कर उधड़ने लगी हैं.
मुख्य वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) एसएन मिश्रा ने बताया कि टीम के साथ घटनास्थल का मुआयना कर हादसे की वजह तलाशी गई है. रिपोर्ट में हादसे की वजह और सुझाव शामिल किए गए हैं. ड्राइवर की लापरवाही और ट्रेन व ट्रैक में तकनीकी कमियां नहीं मिली हैं. रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को दी जाएगी.
जांच कमेटी को पता चला है कि आठ साल में एक बार भी रेलवे या अन्य इंजीनियरिंग शाखा से इसकी सुरक्षा समीक्षा यानी सेफ्टी आडिट की जरूरत नहीं समझी गई. सीएनजी बस का इंजन लगाकर इसे जुगाड़ के सहारे चलाया जा रहा है. प्लेटफार्म पर मानक विपरीत पिलर यानी खंभे लगे हैं. सीट को लेकर अक्सर धक्कामुक्की होती है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है ऐसे कई और अहम बिंदु हैं, जिसमें कमियां सामने आई हैं.
तीन सदस्यी जांच कमेटी ने तलाशी हादसे की वजह
रविवार को तीन सदस्यीय जांच टीम ने चिड़ियाघर में स्टेशन का निरीक्षण किया और शनिवार को हुए हादसे की वजह तलाशी. जांच टीम के सदस्य ने बताया कि प्रारंभिक जांच में ड्राइवर की गलती नहीं मिली है. प्लेटफार्म पर मानक विपरीत लगे खंभे, खराब सीसी कैमरे और गंदगी जैसे बिंदुओं को चिह्नित किया है. टाय ट्रेन संचालन का ठेका निजी कंपनी को दिया हुआ है. ट्रेन व ट्रैक मेंटेनेंस सहित संचालन संबंधी उसी की है.
चुप्पी साधे हैं चिड़ियाघर के निदेशक
कमेटी में शामिल मुख्य वन संरक्षक (वाइल्ड लाइफ) एसएन मिश्रा, वन संरक्षक मनोज कुमार सोनकर, चिड़ियाघर के प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी डा. अनुराग सिंह सोमवार तक वन विभाग के उच्चाधिकारियों को जांच रिपोर्ट भेजेंगे. वहीं, हादसे के बाद कमियां उजागर होने पर चिड़ियाघर निदेशक केके सिंह मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.
हादसे के बाद चेता प्रशासन, चेतावनी बोर्ड लगाया
टाय ट्रेन में शिक्षिका की मौत के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने स्टेशन और प्लेटफार्म पर चेतावनी संकेतक लगाया है. रविवार को टिकट घर और प्लेटफार्म नंबर एक पर दो चेतावनी बोर्ड लगे दिखे. इसमें लिखा है ‘सावधान, चलती ट्रेन में चढ़ने का प्रयास न करें.’ बता दें, चार बोगियों वाली टाय ट्रेन की एक बार में 84 लोगों को सफर कराने की क्षमता है.
जांच कमेटी ने ये दिए सुझाव
- ट्रेन चलने के 10 मिनट पहले बंद हो प्रवेश.
- प्लेटफार्म पर लगे खंभे हटाए जाएं.
- नए सीसी कैमरे लगवाए जाएं.
- तकनीकी टीम से सुरक्षा आडिट कराया जाए.