ABC News: यूपी में विधानमंडल सत्र जारी है. शनिवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की हत्या का मामला उठाया और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त है. सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.
माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे… pic.twitter.com/GgrXXRa5li
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 25, 2023
इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा कि हम माफियाओं के खिलाफ हैं, उन्हें मिट्टी में मिला देंगे. उन्होंने कहा कि सपा ने ही अतीक अहमद को प्रश्रय दिया है. हम किसी भी माफिया को नहीं छोड़ेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा माफियाओं की पोषक है. राजूपाल हत्याकांड में अतीक अहमद दोषी है उसे सपा ने विधायक बनाकर प्रश्रय दिया. अखिलेश यादव की तरफ इशारा करते हुए योगी ने कहा कि आप खुद माफियाओं का पोषण कर रहे हैं. इस पर अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी की भाषा पर सवाल उठाए. इस पर सदन में कुछ देर के लिए हंगामा हो गया. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के दखल के बाद सदन की कार्यवाही फिर से चलने लगी. मुख्यमंत्री विधानसभा में राज्यसभा के अभिभाषण पर सदन को संबोधित करने वाले थे पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की गोली मारकर हत्या का मुद्दा उठाया.
इस पर मुख्यमंत्री योगी ने नाराजगी भरे लहजे में सपा को माफियाओं की पोषक करार देते हुए प्रदेश को विकास के रास्ते पर अग्रसर बताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी माफिया नहीं बचेगा. हम किसी भी माफिया को नहीं बख्शेंगे. शुक्रवार को बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह और वकील उमेश पाल की स्वचालित हथियारों से गोली मारकर हत्या कर दी. हमले में उमेश की सुरक्षा में तैनात गनर संदीप निषाद की भी मौत हो गई. प्रयागराज पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद व उसके छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ पर केस चल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा भाजपा की पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठाने पर कहा कि पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी का सबसे बड़ा प्रमाण जनता का आदेश है. जनता ने भाजपा के पक्ष में लगातार लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 के साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव 2017 और 2022 में जनादेश दिया है. यह पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी का सबसे बड़ा प्रमाण है.