ABC News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए वाराणसी पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कांग्रेस पर टिप्पणी की. संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित पीएम मोदी की जनसभा में सीएम योगी ने लंबे समय बाद कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. आमतौर पर चुनावी मंच से इतर सीएम योगी इस तरह का भाषण नहीं देते लेकिन गुरुवार को उनका अलग ही रूप नजर आया.
भाषण की शुरुआत में उन्होंने पीएम मोदी का स्वागत और काशी व उत्तर प्रदेश के विकास की. इसी दौरान मुख्यमंत्री ने बिना राहुल गांधी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग देश को बाहर जाकर बदनाम करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति पर जहां एक तरफ दुनिया गौरव की अनुभूति कर रही है और इस मॉडल को अंगीकार करने के लिए लालायित है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी कई पीढ़ियों को यूपी ने नेतृत्व करने का मौका दिया. वो जब यूपी से बाहर जाते हैं तो प्रदेश की और जब देश से बाहर जाते हैं तब भारत को कटघरे में खड़े करते हैं. मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी के खिलाफ सूरत कोर्ट का दो साल की सजा का फैसला आने के बाद मचे बवाल को लेकर सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस के कृत्य को पूरे देश ने देखा ह. राहुल गांधी ने संसदीय मर्यादा को ताक पर रखते हुए दलित, गरीब, पिछड़ और वंचितों के खिलाफ बयान दिया और जब न्यायालय की ओर से इसे लेकर खरी खोटी सुनाई गई तो कांग्रेस नेता न्यायालय की अवमानना करने पर उतारू हो गए.
सीएम ने तल्ख अंदाज में कहा कि कुछ लोग देश के बाहर जाकर निंदा करते हैं. उन्हें यह समझना चाहिए कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस देश को बांटने का काम कर रही है. कोर्ट को कटघरे में खड़ा कर रही है. संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं. लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. इस प्रकार के प्रयास किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराए जा सकते हैं. एक तरफ जातीय वैमनस्यता को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाली कांग्रेस है. दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं द्वारा न्यायालय की अवमानना करने वाले वक्तव्य दिए जा रहे हैं. कांग्रेस को गरीबों, दलितों और पिछड़ के अपमान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की ओर से ईवीएम पर सवाल उठाए जाने को लेकर भी कांग्रेस को घेरा. कहा कि जिन लोगों को वर्ष 2004 और 2009 में ईवीएम के माध्यम से सरकार बनाने का अवसर प्राप्त हुआ था, आज जब वे अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं तो ईवीएम को कटघरे में खड़ा करके संवैधानिक संस्थाओं को भी कटघरे में खड़ा करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. ये (कांग्रेस) की जनता पर अविश्वास करने वाले लोग हैं. देश की जनता ने इन्हें सत्ता से बाहर किया है. दलित, पिछड़े, वंचित, गरीब के बेटे को सर्वोच्च पद पर जाता देखना फूटी आंख नहीं सुहा रहा है. मुझे लगता है देश की जनता गरीबों, दलितों, वंचितों, पिछडों के अपमान का बदला जरूर लेगी. जो भारत को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं.