मिस्र के राष्ट्रपति बनेंगे गणतंत्र दिवस समारोह के चीफ गेस्ट, मिस्र सेना का बैंड भी लेगा हिस्सा

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ABC NEWS: भारत के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी को चीफ गेस्ट बनाया गया है. 26 जनवरी की इस परेड में मिस्र की सेना का 12 सदस्यीय बैंड भी हिस्सा लेगा.

भारत दौरे से पहले मिस्र में भारत के राजदूत ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का भी खूब जिक्र किया है. मिस्र में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने बयान जारी करते हुए कहा कि मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्देल-नासर और पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच करीबी और असाधारण दोस्ती ने ही 1955 में दोनों देशों के बीच एक फ्रेंडशिप ट्रीटी (friendship treaty) और गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर अल-सीसी गुरुवार को गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेंगे. यह पहली बार होगा जब खाड़ी देशों में से एक मिस्र के राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे. राष्ट्रपति अल- सीसी के साथ सैन्य दल का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी होगा जो परेड में भाग लेगा.

मिस्र में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी का भारत दौरा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. इस दौरे से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक नई सुबह की शुरुआत होगी. बयान में यह भी कहा गया है कि अल-सीसी भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से भी मिलेंगे.

भारत और मिस्र एक घनिष्ठ मित्र

दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्तों पर प्रकाश डालते हुए भारतीय राजदूत ने कहा, “दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से दो के रूप में भारत और मिस्र कई शताब्दियों तक घनिष्ठ मित्र रहे हैं. भारतीय सम्राट अशोक के शिलालेखों में टॉलेमी-द्वितीय के शासनकाल में मिस्र के साथ संबंधों का उल्लेख है. ”

उन्होंने कहा, आधुनिक समय में भारत के महात्मा गांधी और मिस्र की अल-वफद पार्टी के नेता साद जघलौल (Saad Zaghloul) ने अपने-अपने देशों की स्वतंत्रता के लिए एक समान लक्ष्यों को साझा किया है. महात्मा गांधी भारत की आजादी में तो साद जघलौल ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ 1919 की क्रांति में अहम योगदान दिया.

इसके अलावा भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने कहा कि मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्देल-नासर और पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच करीबी और असाधारण दोस्ती ने ही 1955 में दोनों देशों के बीच एक फ्रेंडशिप ट्रीटी (friendship treaty) और गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी.

दोनों देशों के बीच सहयोग का भी जिक्र

मिस्र में भारत के राजदूत की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देश उपनिवेशवाद की बेड़ियों से बाहर निकलते हुए द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर संपर्क और सहयोग के आधार पर घनिष्ठ राजनीतिक समझ साझा करते हैं.

भारत बहुपक्षीय मंचों से विकासशील देशों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सुधारों की मुखर मांग करता है.

दोनों देश वैश्विक समुदाय में अपना उचित स्थान हासिल करने और अपने-अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं.

बयान में यह भी कहा गया है कि मिस्र और भारत के बीच उच्च स्तर पर लगातार राजनीतिक जुड़ाव ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया है. अक्टूबर 2015 और सितंबर 2016 में राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी की भारत दौरा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गति दी है.

बयान में कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग का भी जिक्र किया गया है. भारतीय राजदूत ने कहा है कि मिस्र ने 2021 की शुरुआत में भारत से 50 हजार वैक्सीन खरीदा था. वहीं, भारत ने कोविड की दूसरी लहर से लड़ने के लिए मिस्र में बनी तीन लाख रेमडिसिविर की खुराकें खरीदा था.

दोनों देशों के बीच व्यापार उच्चतम स्तर पर

मिस्र में भारत के राजदूत गुप्ते ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार अब तक के उच्चतम स्तर पर है. पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में 2021-22 में दोनों देशों के बीच व्यापार में 75 फीसदी की बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार 7.26 अरब डॉलर पार कर गई है.

लगभग 50 भारतीय कंपनियों ने मिस्र में रसायन, ऊर्जा, ऑटोमोबाइल, खुदरा, परिधान और कृषि क्षेत्रों में 3.2 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है. यह कंपनियां लगभग 38 हजार मिस्रवासियों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती हैं.

सुरक्षा क्षेत्र में भी सहयोग

भारत और मिस्र सुरक्षा क्षेत्र में भी सहयोग को तेजी से बढ़ा रहे हैं. दोनों देशों की वायु सेना ने अक्टूबर 2021 में पहली बार संयुक्त सामरिक सैन्य अभ्यास ‘डेजर्ट वॉरियर’ किया था. यह सैन्य अभ्यास मिस्र में संपन्न हुआ था.

जून 2022 में भी एक महीने के सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय वायु सेना के दल ने मिस्र का दौरा किया था. इस सैन्य अभ्यास में भारत के तीन Su-30 लड़ाकू विमान और दो C-17 परिवहन विमानों ने हिस्सा लिया था. मिस्र की वायु सेना की ओर से आयोजित इस तरह का यह पहला कार्यक्रम था.

मिस्र में भारत के राजदूत के अनुसार, भारतीय और मिस्र के विशेष बल इस महीने भी एक संयुक्त सैन्य अभ्यास की योजना बना रहे हैं.

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