ABC News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. बजट घोषणा के मुताबिक, एक अप्रैल 2023 से जारी बीमा पॉलिसियों से मिलने वाली मैच्योरिटी रकम पर टैक्स देना होगा, अगर कुल बीमे का प्रीमियम सालाना पांच लाख रुपए से ज्यादा है. इनमें यूनिट लिंक्ड इश्योरेंस प्लान शामिल नहीं हैं. वित्त मंत्री ने आम बजट पेश करते हुए कहा कि एक अप्रैल या इसके बाद जारी बीमा पॉलिसियों (यूलिप को छोड़कर) के लिए कुल प्रीमियम अगर 5 लाख रुपये से अधिक है, तो केवल उन पॉलिसियों, जिनका प्रीमियम 5 लाख रुपए तक है, से होने वाली आय पर छूट देने का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया जाता है.
बीमित व्यक्ति की मौत के समय मिलने वाली रकम पर दी गई टैक्स छूट पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. यानी कि मृत्यु पर नॉमिनी को मिलनी वाली राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री रहेगी. साथ ही, 31 मार्च 2023 तक जारी बीमा पॉलिसियों पर भी इसका असर नहीं होगा. Fintoo की ट्रेनिंग, रिसर्च एवं डेवलपमेंट की हेड, सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर निधि मनचंदा ने कहा कि जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि पर टैक्स लगाना इस बजट के सबसे बड़े झटकों में से एक है. उन्होंने कहा, “अगर किसी व्यक्ति के पास एक से ज्यादा जीवन बीमा पॉलिसी हैं, जो एक अप्रैल 2023 या उसके बाद जारी हुई हैं. इस स्थिति में ऐसी पॉलिसियों के प्रीमियम की कुल रकम 5 लाख रुपये से अधिक होने पर मैच्योरिटी रकम पर टैक्स लगेगा.” बजट प्रस्ताव के अनुसार, एक अप्रैल 2023 के बाद इश्यू की गईं उन सभी जीवन बीमा पॉलिसियों (सिर्फ यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी यानी यूलिप को छोड़कर) की मैच्योरिटी की रकम पर अब टैक्स लगेगा, जिनका सालाना प्रीमियम पांच लाख रुपये से ज्यादा है. बजट में किए गए इस ऐलान का असर शेयर बाजार में भी देखने को मिला और लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली. बजट के बाद, HDFC लाइफ इंश्योरेंस के शेयर 11 प्रतिशत और SBI लाइफ इंश्योरेंस के शेयर 10 फीसदी गिर गए.