राहुल की ‘नो’ से वरुण की कांग्रेस में एंट्री पर ब्रेक, सपा में जाने की अटकलें

News

ABC NEWS: पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में एंट्री की चल रही अटकलों पर राहुल गांधी ने लगभग ब्रेक लगा दिया है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे राहुल ने वरुण के बारे में जब कहा कि दोनों की विचारधाराएं एक-दूसरे से काफी अलग हैं, तभी से माना जाने लगा कि वरुण के कांग्रेस में जाने की अटकलें सिर्फ कयासबाजी ही थीं और जमीन पर इस बारे में कोई ठोस बातचीत नहीं चल रही. वरुण गांधी बीजेपी से कई सालों से साइडलाइन चल रहे हैं, जिसकी वजह से वह पार्टी से नाराज हैं. उनकी नाराजगी पिछले दिनों तब और जगजाहिर हो गई, जब उन्होंने नेहरू के पक्ष में टिप्पणी की. इसके अलावा, अपने चचेरे भाई राहुल की तरह ही उन्होंने हिंदू-मुस्लिम की राजनीति पर भी हमला बोला.

राजनैतिक एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कांग्रेस के दरवाजे लगभग बंद हो जाने के बाद अब भी वरुण के पास कई विकल्प मौजूद हैं, जिन्हें अपनाकर वह भविष्य की राजनीति कर सकते हैं. इसकी संभावना वरुण के एक हालिया बयान से भी दिखाई देती है. यूपी की राजनीति करने वाले वरुण के पास सबसे बड़ा विकल्प समाजवादी पार्टी है. उन्होंने पिछले दिनों अखिलेश यादव की तारीफ करके संकेत भी दे दिए हैं कि भविष्य में एक विकल्प सपा भी हो सकती है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी कहा, ”मैंने एक दिन सोचा कि कौन से आर्थिक मानक हैं, जिसके तहत किसान या आम आदमी आ जाए। आखिर वो आत्महत्या करने पर क्यों मजबूर होता है. उस वक्त शायद अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और उन्हें मैंने एक पत्र लिखा था. इसके बाद अखिलेश ने बड़ा मन दिखाते हुए अधिकारियों को मदद करने के लिए कहा था.” वरुण गांधी के इस बयान के बाद से साफ है कि वरुण के विकल्पों में समाजवादी पार्टी भी शामिल है. वह जिस क्षेत्र से आते हैं, वहां किसानों की बड़ी संख्या होने की वजह से सपा और आरएलडी गठबंधन से वरुण को फायदा भी मिल सकता है. उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा चुनाव में भी वरुण के सपा में जाने की अटकलें लग रही थीं, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका था.

वरुण के पास और क्या विकल्प?

पिछले कुछ सालों में वरुण ने बीजेपी सरकार के कई फैसलों पर जमकर निशाना साधा है. अग्निवीर योजना, बेरोजगारी, किसान आंदोलन समेत विभिन्न मुद्दों पर वरुण सरकार की योजनाओं के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि वरुण को शायद ही बीजेपी से 2024 में टिकट मिले. ऐसे में वरुण दूसरे दल का रुख कर सकते हैं. सपा में बात नहीं बनती है तो वरुण के पास बसपा का भी विकल्प खुला रहेगा. प्रदेश में वरुण गांधी काफी लोकप्रिय हैं. इसकी वजह से बसपा को लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है. युवा चेहरे की वजह से वरुण पार्टी में नई जान फूंक सकते हैं. अपने भाषणों में किसानों, गरीबों की लगातार बात करने के चलते इनके वोट भी मिलने की संभावनाएं हैं. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कुल मिलाकर वरुण गांधी बीजेपी छोड़कर किसी भी दल में जाते हैं तो उस दल को ही फायदा मिलने की उम्मीद है. गांधी परिवार से आने की वजह से कोई भी दल हाथों-हाथ वरुण को पार्टी में लेने में पीछे भी नहीं हटेगा.

वरुण की वो छवि, जिससे अटकी कांग्रेस में एंट्री

वरुण गांधी का जब भी जिक्र होता है, तब उनका साल 2009 में दिया बयान जरूर याद आता है. उन्होंने कहा था कि जो हाथ तुम्हारी (हिंदू) तरफ उठेंगे, उन्हें काट दिया जाएगा. इसके बाद से ही वरुण की छवि किसी कट्टर हिंदुत्ववादी नेता की बन गई. भले ही इस बयान के बाद वरुण पर ऐक्शन लिया गया हो, लेकिन वरुण अपनी नई पहचान बनाने में जरूर कामयाब हो गए. बाद में वे बीजेपी के महासचिव बनाए गए. बीजेपी में रहने की वजह से वरुण की विचारधारा आरएसएस की विचारधारा से भी मेल खाती है. ऐसे में वरुण गांधी पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने भी उनकी विचारधारा का जिक्र किया. राहुल गांधी कभी नहीं चाहेंगे कि वह आरएसएस और बीजेपी की जिस विचारधारा के खिलाफ हल्ला बोलते हुए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पैदल यात्रा निकाल रहे हों, उस विचारधारा से विपरीत वाले वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हों. एक ही पार्टी में दो विपरीत छवि वाले नेताओं के होने की वजह से भी सवाल उठने लगेंगे कि क्या कांग्रेस ने अपनी विचारधारा से समझौता कर लिया है. इन्हीं वजहों से फिलहाल वरुण की कांग्रेस में एंट्री पर लगभग ब्रेक लग गया है.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media