ABC News: दिल्ली के विजय चौक पर रविवार को ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह हुआ. दिल्ली हो रही बारिश के बीच बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह का आयोजन किया गया. ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह गणतंत्र दिवस समारोह के औपचारिक अंत का प्रतीक है. ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान बैंडों की ओर से भारतीय शास्त्रीय संगीत आधारित मुधर धुन बजाई गई.
Sound of Music !
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— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) January 29, 2023
इसकी शुरुआत सामूहिक बैंड के अग्निवीर धुन से हुई. नौसेना बैंड ने ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में ‘एकला चलो रे’ धुन का प्रदर्शन किया. बीटिंग रिट्रीट समारोह के मौके पर तीनों सेनाओं के बैंड ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने 29 क्लासिकल धुनें बजाईं.
NOW –
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इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ उतारा गया. तीनों सेनाओं की प्रमुख राष्ट्रपति से सेना के बैंड को ले जाने की अनुमति मांगी गई. अनुमति मिलते ही बैंड स्थल से रवाना हो गए.
#WATCH | Amid rain lashing the national capital, Military bands enthrall audience at ‘Beating the Retreat’ ceremony at Vijay Chowk in Delhi
(Source: President of India) pic.twitter.com/TAmdcgMCis
— ANI (@ANI) January 29, 2023
बीटिंग रिट्रीट समारोह की परंपरा 300 साल से भी ज्यादा पुरानी है. यह राजा महाराजाओं के समय चली आ रही है. जब सूर्यास्त के बाद जंग बंद होने का ऐलान होता था. बिगुल बजाते ही सैनिक युद्ध बंद कर पीछे हट जाते थे. भारत में इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. बीटिंग द रिट्रीट सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है. इस समारोह में भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि होते हैं. राष्ट्रपति के आते ही उन्हें नेशनल सैल्यूट देकर राष्ट्रगान जन-गण-मन शुरू होता है, तिरंगा फहराया जाता है.
#WATCH | ‘Beating the Retreat’ ceremony underway at Vijay Chowk in Delhi
The ceremony marks the formal end of Republic Day celebrations. pic.twitter.com/oqLtboldNQ
— ANI (@ANI) January 29, 2023
फिर इसके बाद तीनों सेनाओं के बैंड मिलकर पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं. तीनों सेना के बैंड वादन के बाद रिट्रीट का बिगुल बजता है. इसके बाद बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापस ले जाने की इजाजत मांगते हैं.