असद ने ‘शेर ए अतीक’ के नाम से बनाया था WhatsApp ग्रुप, 200 लोग बने थे मेंबर

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ABC NEWS: उमेश पाल हत्याकांड की जांच में पुलिस को अतीक अहमद के नाम पर ‘शेर-ए-अतीक’ के नाम से वॉट्सऐप ग्रुप मिला है. इसमें अतीक के बेटे असद ने करीब 200 लोगों को जोड़ रखा था. इसमें शूटर और शाइस्ता के मददगारों के भी नाम शामिल हैं. हालांकि, बीती साल नवंबर महीने में ही यह ग्रुप बंद कर दिया गया था.

ताजा जानकारी के मुताबिक, उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस टीम ने असद अहमद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को खंगालना शुरू किया तो ‘शेर-ए-अतीक’ नाम से वॉट्सऐप ग्रुप मिला. इस WhatsApp Group का एडमिन अतीक का बेटा असद था, जो कि पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है.

‘शेर-ए-अतीक’ ग्रुप में 200 मेंबर जुड़े थे. पुलिस को शक है कि ‘शेर ए अतीक’ ग्रुप के मेंबर्स का उमेश पाल मर्डर से कनेक्शन है. हालांकि, उमेश पाल हत्याकांड के पहले नवंबर महीने में ही ग्रुप को बंद कर दिया था.

पुलिस की पड़ताल में पता चला है कि वॉट्सऐप ग्रुप में ही असद अपने भाई अली और पिता अतीक अहमद के वीडियो रील्स और फोटो शेयर करता रहता था.

साथ ही ग्रुप के सदस्यों में शूटर और अब फरार चल रही अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन के मददगार भी शामिल हैं. ग्रुप में शामिल ज्यादातर मेंबर प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर के थे. पता हो कि शाइस्ता की भी लोकेशन कई बार प्रयागराज और कौशांबी के कछार इलाके में मिली थी.

असद का मोबाइल हाथ लगने से राज यूपी एसआईटी के पास है. अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उमेश पाल हत्याकांड से ठीक पहले ‘शेर ए अतीक’ समूह को बंद क्यों कर दिया गया था? साथ ही एसआईटी भी इस पहलू की जांच कर रही है.

 अतीक-अशरफ के शूटर्स के 2 मोबाइल बरामद 
उधर, अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच में एसआईटी को शूटरों के 2 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. साथ ही एक चार्जर भी बरामद किया गया है. होटल के कमरे में मिले दोनों मोबाइल में सिम नहीं मिलीं. एसआईटी को मोबाइल से पुराने नंबर मिले हैं जिनका सीडीआर निकाला जा रहा है.

पुलिस आरोपियों के नंबर की सीडीआर निकालकर उनसे बातचीत का डाटा तैयार कर रही है. साजिश में शामिल अन्य लोगों तक भी नंबर के जरिए पुलिस पहुंच सकती है.

पूछताछ में शूटर लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य ने जानकारी दी कि प्रयागराज में रेलवे स्टेशन और खुल्दाबाद थाने के बीच स्थित एक होटल में ठहरे हुए थे. योजना के मुताबिक, तीनों ने मोबाइल से अपनी सिम निकालकर फेंक दी थीं. शूटरों ने बताया कि वे ई-रिक्शा से अतीक अशरफ की रेकी करने जाते थे.

अपहरण के 17 साल बाद उमेश की हत्या 
बता दें कि प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.

घटना के बाद पुलिस ने एनकाउंटर में कई आरोपियों को मारने का सिलसिला शुरू किया, जिसमें बाहुबली अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को मार गिराया गया. वहीं, जिस दिन दोनों का अंतिम संस्कार हुआ, उसी दिन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की भी गोली मारकर काल्विन हॉस्पिटल में हत्या कर दी गई. फिलहाल अतीक की पत्नी शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम फरार है.

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