ABC News: चीन ने 8 अगस्त को जूनोटिक लैंग्या वायरस से संक्रमित 35 लोगों की पुष्टि की. ताइवान सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की जानकारी के अनुसार, चीनी मुख्य भूमि पर शेंडोंग और हैनान प्रांतों में सबसे पहले लैंग्या वायरस के मामले पाए गए थे. ताइपे टाइम्स के अनुसार, अधिकारियों ने वायरस का पता लगाने और इसके प्रसार को ट्रैक करने के लिए यह तय किया है कि वे न्यूक्लिक एसिड परीक्षण प्रक्रियाओं का उपयोग शुरू करेंगे.
ताइपे सीडीसी ने एहतियाती अलर्ट जारी किया है, जिसमें लोगों को वायरस की खबरों पर कड़ी निगरानी रखने की सलाह दी गई है. ताइवान सीडीसी के उप निदेशक चुआंग जेन-सियांग ने ताइपे टाइम्स को बताया कि अभी तक किसी भी रिपोर्ट ने यह संकेत नहीं दिया है कि यह वायरस मानव-से-मानव शरीर में फैलता है. उन्होंने आगे कहा कि सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण के बाद अब तक लगभग 2% बकरियों और 5% कुत्तों और अन्य घरेलू जानवर वायरस से संक्रमित मिले हैं. चीन के दो प्रांत शेंडोंग और हैनान में संक्रमण के मामले मिले हैं. सीडीसी के उप महानिदेशक चुआंग जेन-हिसियांग के अनुसार, एजेंसी जल्द ही घरेलू प्रयोगशालाओं के लिए जीनोम अनुक्रमण और मजबूत निगरानी करने के लिए एक मानकीकृत प्रक्रिया तैयार करेगी. वायरस से संक्रमित 26 व्यक्तियों में बुखार, थकावट, खांसी, भूख कम लगना, मांसपेशियों में परेशानी, मतली, सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण पाए गए हैं. इसके अतिरिक्त, मरीजों की सफेद रक्त कोशिकाओं में कमी का भी खुलासा हुआ है. इसके परिणामस्वरूप यकृत और गुर्दे की विफलता के साथ ही प्लेटलेट गिनती कम होने की गुंजाइश है. चुआंग ने कहा कि चूंकि लैंग्या वायरस हाल ही में खोजा गया वायरस है, इसलिए ताइवान की प्रयोगशालाओं को वायरस की पहचान करने के लिए एक मानकीकृत न्यूक्लिक एसिड परीक्षण विधि की जरूरत होगी. ताकि अगर जरूरत पड़े, तो इससे मानव संक्रमण को ट्रैक किया जा सकेगा.