ABC NEWS: अमृतपाल सिंह पंजाब में ‘आनंदपुर खालसा फौज’ के नाम से एक प्राइवेट आर्मी बनाने की तैयारी में था. वारिस पंजाब दे नाम के संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह के ठिकानों से बुलेटप्रूफ जैकेट्स और राइफलें बरामद होने के बाद पुलिस ने यह बात कही है. यही नहीं अमृतपाल सिंह के घर के बाहर लगे दरवाजे में ‘AKF’लिखा पाया गया, जिसका अर्थ आनंदपुर खालेसा फौज से लगाया जा रहा है. फिलहाल पंजाब पुलिस लगातार अमृतपाल सिंह की तलाश में छापेमारी कर रही है. पंजाब में इंटरनेट और मेसेज सर्विस को मंगलवार दोपहर तक के लिए बंद कर दिया गया है ताकि अफवाहों को रोका जा सके.
मीडिया से बात करते हुए पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि 114 लोगों को शांति और सद्भाव बिगाड़ने के आरोप में अरेस्ट किया गया है. गिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘राज्य में शांति है और हालात स्थिर हैं. यहां फिलहाल कानून और व्यवस्था का कोई संकट नहीं है. वारिस पंजाब दे के कुछ लोगों के खिलाफ ऐक्शन लिया गया है. इन लोगों के खिलाफ 6 आपराधिक केस भी दर्ज किए गए हैं.’ अमृतपाल सिंह के 5 समर्थकों को एनएसए लगाया गया है और इनमें से 4 को असम भेजा गया है, जहां वे हिरासत में हैं.
अमृतपाल के चाचा समेत 5 लोगों पर लगा NSA
आईजी सुखचैन सिंह ने बताया, ‘अमृतपाल सिंह के 4 समर्थकों को असम भेजा गया है. इनमें दलजीत कालसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखानवाला और भगवंत सिंह शामिल हैं. अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह को भी हिरासत में लिया गया है और उन्हें भी असम के डिब्रूगढ़ भेजा जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों पर NSA लागू किया गया है. पंजाब पुलिस ने बताया कि अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और उसके ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने जालंधर के मेहतपुर इलाके में रविवार रात को सरेंडर कर दिया.
विदेशी फंडिंग और ISI कनेक्शन के भी मिले हैं सबूत
पुलिस ने बताया कि हरजीत सिंह अपने भतीजे की मदद करता था. उसने ही वारिस पंजाब दे के खातों पर अमृतपाल की पहुंच को आसान बनाया. इस संगठन की स्थापना सिंगर और ऐक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने की थी. बीते साल सड़क हादसे में दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल को इस संगठन की कमान मिल गई थी. पंजाब के सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि अमृतपाल के उभार में आईएसआई का हाथ भी है. इसके हमें कुछ सबूत मिले हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें पुख्ता तौर पर संदेह है कि इस मामले में आईएसआई ऐंगल भी था. हमें इस मामले में विदेशी फंडिंग का भी संदेह है.’