मुख्तार अंसारी पर दर्ज 60 मुकदमे, कृष्णानंद राय की हत्या से पैदा की थी पूर्वांचल में दहशत

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ABC News: माफिया मुख्तार अंसारी और उनके परिजनों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने शनिवार को उसे गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार दिया और 10 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. माफिया मुख्तार अंसारी पर दिल्ली से लेकर गाजीपुर और वाराणसी तक संगीन धाराओं में 60 मुकदमे दर्ज हैं.

पूर्वांचल में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके गिरोह की दहशत तीन दशक तक व्यापारियों और उद्यमियों में भी खूब थी. भेलूपुर के कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा को अगवा कर हत्या की वारदात ने तो कारोबारियों में खौफ पैदा कर दी थी. यह खौफ तीन दशकों तक बना रहा. सरकारी ठेकों पर आधिपत्य बना रहा. वर्ष 1997 में भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर कालोनी निवासी कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा को अगवा कर लिया गया था. फोन कर परिजनों से तीन करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. उस समय मुख्तार का सबसे भरोसेमंद शूटर अताउर रहमान ने नंद किशोर को कोयला व्यवसायी विजय बनकर डील के बहाने उठाया था. नंद किशोर की हत्या कर शव को प्रयागराज में ठिकाने लगाया था. माफिया मुख्तार अंसारी और गाजीपुर के मुहम्मदाबाद के महरूपुर निवासी अताउर रहमान उर्फ बाबू के खिलाफ महावीर प्रसाद रूंगटा ने एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. अगवा किए गए नंद किशोर के भाई महावीर का आरोप था कि पांच नवंबर 1997 को शाम पांच बजे टेलीफोन पर उन्हें मुख्तार ने धमकी दी थी. पुलिस ने मामले की छानबीन भी की, लेकिन मामले में नामजद पांच लाख रुपये के इनामी अताउर रहमान उर्फ बाबू को पुलिस आज तक नहीं पकड़ सकी. इस मामले की जांच सीबीआई ने भी की थी. जानकारों के अनुसार, अपहरण की घटना को अंजाम देने के बाद उसने नेपाल में शरण ले ली.

आरोप यह भी था कि माफिया मुख्तार अंसारी ने उसे दोबारा बुलवाया और 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कराई थी. इसके बाद तो उसकी दहशत पूर्वी यूपी में बढ़ती चली गई. मुख्तार के नाम से कई कारोबारी खौफ खाते थे. वाराणसी के कई कारोबारियों से वह रंगदारी वसूलता था. पुलिस के आंकड़ों को देखा जाए तो मुख्तार अंसारी के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मऊ, चंदौली, लखनऊ और गाजीपुर के विभिन्न थानों में संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. मुख्तार पर गाजीपुर के विभिन्न थानों में केस दर्ज है. गाजीपुर जिला प्रशासन माफिया मुख्तार अंसारी, बड़े भाई गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी, परिजनों और संबंधियों की करोड़ों की अचल संपत्ति कुर्क कर चुकी है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज पांच मुकदमाें में वह चार में दोष मुक्त हो चुका था. गैंगस्टर एक्ट से संबंधित सिर्फ अवधेश राय हत्याकांड से जुड़े मुकदमे में मजबूत पैरवी और लगातार गवाही से मुख्तार की मुश्किलें बढ़ती गईं. नतीजा यह रहा कि मुख्तार के बचाव पक्ष की दलीलें काम नहीं आई और गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुना दी.

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