ABC NEWS: आमतौर पर बच्चे का जन्म 37 से 40 सप्ताह के बीच होता है. बच्चे का उस वक्त वजन कम से कम ढाई किलो रहता है. लेकिन, पुणे के एक अस्पताल में जन्मी शिवन्या महज 24 हफ्तों (6 महीने) में हो गई. जन्म के वक्त उसका वजन सिर्फ 400 ग्राम (दूध के पैकेट से भी कम) था. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में बचने के चांस महज 0.5 फीसदी होते हैं लेकिन, चमत्कारिक ढंग से बच्ची की सेहत में सुधार हुआ और वह आज अपने मां-पिता के साथ है. इस वक्त उसका वजन 4.5 किलोग्राम है और उसके पैरेंट्स बताते हैं कि वह अन्य बच्चों की तरह अच्छा खाना खा रही है. लेकिन, यह सब कैसे मुमकिन हुआ?
यह कहानी है- बेबी शिवन्या की। जिसने पुणे के एक अस्पताल में जन्म लिया. डॉक्टरों का ऐसा दावा है कि यह भारत में जन्म के समय पैदा होने वाले सबसे छोटे और हल्के वजन वाली नवजात है। द्वामहज 24 सप्ताह (छह महीने) में जन्मी शिवन्या का वजन 400 ग्राम था यानी दूध के एक पैकेट से भी हल्का. लेकिन अपने जन्म के सात महीने बाद, वह एक खुशमिजाज बच्ची है जो वाकाड में अपने घर पर पैरेंट्स के साथ हंसी-खुशी रह रही है.
उसके पिता और आईटी पेशेवर का कहना है कि वह अब किसी भी अन्य स्वस्थ नवजात शिशु की तरह है. उसका वजन 4.5 किलोग्राम है और वह अच्छा खाना खाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि शिवन्या का अच्छा स्वास्थ्य, उसके डॉक्टरों के प्रयासों और भारत में विकसित नवजात शिशु देखभाल के कारण हो पाया है. 21 मई 2022 को जन्मी शिवन्या को 94 दिनों की गहन देखभाल के बाद 23 अगस्त को छुट्टी दे दी गई थी. जब उसे घर भेजा गया तो उसका वजन 2,130 ग्राम था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इससे पहले अहमदाबाद में, 22 सप्ताह की गर्भावस्था में एक बच्चा 492 ग्राम के जन्म के वजन के साथ जीवित रहा. इसके अलावा हैदराबाद में गर्भावस्था के 25वें हफ्ते में एक बच्चे का जन्म हुआ, जिसका वजन महज 375 ग्राम था। सूर्या मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल के मुख्य नियोनेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सचिन शाह ने कहा, “लेकिन शिवन्या सबसे नन्ही है. हम गर्भावस्था की अवधि और जन्म के वजन दोनों को जोड़ते हैं. भारत में इस तरह के अत्यधिक समय से पहले जीवित रहने का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.”