अगले 7 दिन में हैं 5 महत्वपूर्ण व्रत, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा होगी 2 दिन

News

ABC NEWS: आज 28 मई दिन रविवार से नया सप्ताह प्रारंभ हो रहा है. इस सप्ताह में मई के अंतिम तीन और जून के शुरूआती 4 दिन शामिल हैं. यह सप्ताह व्रत और पूजा पाठ की दृष्टि से काफी महत्व पूर्ण है. इस सप्ताह में मासिक दुर्गाष्टमी, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी या भीमसेनी एकादशी व्रत, गुरु प्रदोष व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत और ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान है. गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी ज्येष्ठ माह के दो बड़े व्रत हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि ये व्रत और त्योहार कब और किस दिन हैं. इनका महत्व क्या है?

7 दिनों के व्रत और त्योहार
28 मई, रविवार: मासिक दुर्गाष्टमी
30 मई, मंगलवार: गंगा दशहरा
31 मई, बुधवार: निर्जला एकादशी या भीमसेनी एकादशी
01 जून, गुरुवार: गुरु प्रदोष व्रत या ज्येष्ठ प्रदोष व्रत
03 जून, शनिवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
04 जून, रविवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान

ज्येष्ठ मासिक दुर्गाष्टमी 2023
ज्येष्ठ की मासिक दुर्गाष्टमी 28 मई रविवार को है. इस दिन व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा होती है. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी ति​थि 27 मई को सुबह 07 बजकर 42 मिनट से 28 मई को सुबह 09 बजकर 56 मिनट तक है. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मासिक दुर्गाष्टमी 28 मई को मनाई जाएगी.

गंगा दशहरा 2023
गंगा दशहरा इस सप्ताह में 30 मई को है. इस दिन मां गंगा की पूजा करते हैं और गंगा स्नान करके पुण्य लाभ कमाते हैं. गंगा स्नान करने से पूर्वजन्म के पाप भी मिट जाते हैं. गंगा स्नान करने के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान देना चाहिए.

इस साल निर्जला एकादशी व्रत 31 मई को है. यह सभी एकादशी व्रतों में श्रेष्ठ हैं क्योंकि इस व्रत को करने से सभी एकादशी व्रतों का पुण्य मिल जाता है और मोक्ष भी मिलता है. इस व्रत को भीम ने किया था, इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी कहते हैं. इस व्रत में जल ग्रहण नहीं करते हैं, इसलिए इसका नाम निर्जला एकादशी है. यह सभी एकादशी व्रतों में कठिन है.

गुरु प्रदोष व्रत 2023
ज्येष्ठ का दूसरा और जून का पहला प्रदोष व्रत 1 जून को है. यह गुरु प्रदोष व्रत है. इस व्रत को करने से शत्रुओं पर जीत हासिल होती है. शिव आशीर्वाद से काम सफल होते हैं. व्रत वाले दिन शाम को भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं.

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023
इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत और ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान दो अलग-अलग दिन है. 3 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत रखकर रात में चंद्रमा की पूजा होगी. वहीं 4 जून को सुबह में ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान होगा. ऐसा ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि के कारण हुआ है.

प्रस्तुति- भूपेंद्र तिवारी

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media