ABC News: गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भव्य विजय शोभायात्रा सोमवार को गोरखनाथ मंदिर से निकली. श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है. चारो तरफ केसरिया झंडे लहरा रहे हैं. शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद हैं.
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ विजय रथ पर सवार होकर तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरखनाथ मंदिर से शोभायात्रा निकली. शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर पहले मानसरोवर मंदिर और फिर रामलीला मैदान पहुंचेगी. यहां रामलीला के मंच से मुख्यमंत्री का विजयदशमी के महत्व पर संबोधन भी होगा. शोभायात्रा की प्रक्रिया सम्पन्न होने बाद शाम को प्रसाद वितरण व अतिथि भोज कार्यक्रम मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन परिसर में आयोजित हाेगा. इसमें सर्वसमाज के लोग शामिल होंगे. इसके पूर्व सोमवार की देर रात गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत पात्र पूजा हुई. इसमें संत जन पात्र देवता के रूप में गोरक्षपीठाधीश्वर की पूजा की. इसके बाद अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष के अधिकार से दंडाधिकारी की भूमिका में गोरक्षपीठाधीश्वर संतों के विवाद का निस्तारण किया. शोभायात्रा से पहले गोरखनाथ मंदिर में तिलकोत्सव कार्यक्रम में भक्तों ने गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को तिलक लगाकर उनसे आशीर्वाद लिया. इसके पूर्व योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में आदिशक्ति की उपासना की. परंपरा के निर्वहन के लिए रविवार की शाम से वह मंदिर में उपासनारत हैं. रविवार को उन्होंने अष्टमी तिथि के मान में महानिशा पूजा की और सोमवार को उन्होंने आदिशक्ति के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना की. इसके पूर्व सोमवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन का अनुष्ठान हुआ. इसमें परंपरा के अनुसार योगी ने मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की प्रतीक नौ कुंवारी कन्याओं और एक बटुक भैरव का पांव पखारकर पूजा किया और उन्हें अपने हाथ से भोजन कराया. उन्होंने कन्याओं की आरती उतारी और उन्हें दक्षिणा भी दिया.