ABC News: सरकार ने 8 सीट तक वाली M1 कैटेगरी की कारों में 6 एयरबैग जरूरी करने के फैसले को एक साल के लिए टाल दिया है. यह फैसला 1 अक्टूबर 2022 से लागू होना था, लेकिन अब 1 अक्टूबर 2023 से लागू होगा. इसकी जानकारी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने गुरुवार को दी. उन्होंने कहा- ऑटो इंडस्ट्री फिलहाल ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए इसे टाला गया है.
Considering the global supply chain constraints being faced by the auto industry and its impact on the macroeconomic scenario, it has been decided to implement the proposal mandating a minimum of 6 Airbags in Passenger Cars (M-1 Category) w.e.f 01st October 2023.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 29, 2022
नितिन गडकरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “मोटर व्हीकल में सफर करने वाले सभी यात्रियों की सुरक्षा उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, चाहे उनकी कीमत और वैरिएंट कुछ भी हों.” उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक अन्य ट्वीट को जोड़ते हुए कहा, “ऑटो इंडस्ट्री को ग्लोबल सप्लाई-चेन में आ रही बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इसके प्रभाव को देखते हुए पैसेंजर कार (M-1 कैटेगरी) में न्यूनतम 6 एयरबैग लागू करने के प्रस्ताव को 1 अक्टूबर, 2023 से लागू करने का निर्णय लिया गया है.” गडकरी ने कार में 6 एयरबैग्स देने की योजना पर पिछले साल से ही काम करना शुरू कर दिया था. इससे पहले मंत्रालय ने 1 जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग और 1 जनवरी 2022 से फ्रंट पैसेंजर एयरबैग को मैंडेटरी किया था. अभी किसी भी कार के बेस वैरिएंट में 2 एयरबैग्स मिलते हैं. इसमें एक ड्राइवर और दूसरा फ्रंट पैसेंजर के लिए होता है. ऑटो एक्सपर्ट्स के मुताबिक एंट्री लेवल मॉडल में 6 एयरबैग से कार की कीमत करीब 30,000 रुपए बढ़ सकती है. पिछली सीट के पैसेंजर्स के लिए 4 एयरबैग्स जोड़ने में 8,000 से 9,000 रुपए का खर्च आ सकता है. एक एयरबैग की कीमत करीब 1,800 रुपए होती है. वहीं, स्ट्रक्चर में बदलाव करने में भी पैसे खर्च होंगे. डिवाइस और लेबर कॉस्ट भी बढ़ जाएगी.