ABC News: तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी द्वारा अपने लेटर पैड पर की गई असलहा के लाइसेंस की पैरवी के मामले में गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक व एमपी, एमएलए की विशेष अदालत न्यायाधीश दिनेश चौरसिया की कोर्ट में पूर्व विधायक सहित तीन की पेशी कराई गई. इस मामले में कोर्ट ने आरोप पत्र तय किया. पेशी के लिए बांदा जेल से पुलिस वज्रवाहन से भोर में ही चल दी थी.
इसकी सूचना मिलते ही बड़ी तादाद में कोर्ट के अंदर व बाहर सुरक्षा बल को तैनात कर दिया गया. पौने एक बजे कोर्ट से बाहर मुख्तार अंसारी निकले तो इस दौरान उन्होंने लोगों का हाल हिलाकर अभिवादन किया. वहीं कुछ बोलने से इंकार कर दिया. मन्ना सिंह हत्याकांड में 2017 में मुख्तार अंसारी की पेशी कोर्ट में हुई थी. इसके बाद पंजाब की रोपड़ जेल व बांदा जेल से मुकदमों में पेशी वीडियाे कांफ्रेंसिंग के जिरए ही कराई जाती रही. इधर गैंगस्टर कोर्ट ने 15 तारीख को कोर्ट में व्यक्तिगत पेश होने का आदेश दिया था. इसको लेकर गुुरुवार की सुबह तक कोई निश्चित नहीं था कि पेशी होगी या नहीं. एकाएक कोर्ट खुलने के समय 10 बजे कोर्ट परिसर में पुलिस की चहल-कदमी बढ़ गई. तबसे कयास लगाए जाने लगे कि पूर्व विधायक की पेशी हो सकती है. इसके थोड़ी देर ही बाद वज्रवाहन से पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूर्व विधायक को बांदा से कोर्ट परिसर लाया गया सीधे वज्रवाहन को कोर्ट की सीढ़ियों तक लगाया गया ताकि किसी से उनकी मुलाकात ही संभव न हो. लगभग 11 बजे मुख्तार अंसारी गैंगस्टर कोर्ट में दाखिल हुए. उधर कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही. पौने एक बजे जैसे ही कोर्ट से मुख्तार निकले की बाहर सुरक्षा व्यवस्था की हलचल शुरू हो गई. कोर्ट की सीढ़ियों से आते मुख्तार ने सभी का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. मीडिया द्वारा कुछ पूछे जाने पर उन्होंने दो टूक कहा कि बोलने पर मनाही है. इस मामले में मुख्तार अंसारी के साथ आरोपित सलीम को बाराबंकी तथा अनवर सहजाद को गाजीपुर जेल से लाया गया था. मालूम हो कि दक्षिणटोला थाना क्षेत्र के विभिन्न पते पर आधा दर्जन लोगों को विधायक रहते मुख्तार अंसारी ने अपने लेटर पैड पर असलहा लाइसेंस के लिए संस्तुति किया था. इस पर लाइसेंस जारी भी हुआ था. बाद में पुलिस प्रशासन की जांच में सभी के पते फर्जी पाए गए थे. इस मामले में मुख्तार अंसारी सहित सभी आधा दर्जन आरोपितों पर गैंगस्टर लगाया गया था.