ABC NEWS: 15 सालों से नाम-धर्म छिपाकर कानपुर के किदवई नगर स्थित हनुमान मंदिर के बगल में कब्जा कर रह रहे तीन युवकों का राज तब खुला, जब मंदिर के पास मांस के अवशेष मिले. पुजारी और उनके बेटे ने विरोध किया तो तीनों ने उन्हें पीट दिया। मामले की जानकारी पर भाजपा पदाधिकारी पहुंचे और हंगामा किया जिसके बाद पुलिस तीनों को थाने ले गई. पुलिस ने मांस मिलने की बात को गलत बताया और तीनों के खिलाफ जुआ खिलाने के आरोप में शांतिभंग में कार्रवाई की.
एडीसीपी, साउथ मनीष चंद्र सोनकर ने बताया कि मंदिर के बगल में मांस मिलने की शिकायत गलत है. सनी और पुजारी के बेटे की पंचर की दुकान है जिसको लेकर विवाद हुआ, लेकिन जांच में पता चला कि सनी जुआ भी खिलाता है. उन तीनों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की गई है.
किदवई नगर एच ब्लाक में जय सियाराम हनुमान विश्राम लोधेश्वर धाम मंदिर है. मंदिर में 85 वर्षीय पं. गोपाल शर्मा करीब 40 सालों से पुजारी हैं. उनके साथ बेटा रामू उर्फ भल्ला भी रहते हैं। उसकी पंचर की दुकान है. पुजारी के मुताबिक, 15 साल पहले सनी नाम का युवक आया था और बगल में पंचर की दुकान खोलने की बात कही थी. उन्होंने हामी भर दी.
कुछ साल बाद सनी दो अन्य युवकों को ले आया और मंदिर के बगल से पीछे तक काफी जगह कब्जा कर कबाड़ का काम भी शुरू कर दिया. दो दिनों से मांस के अवशेष मंदिर के बगल में मिलने पर उन्होंने और बेटे ने विरोध किया. तीनों ने पिता-पुत्र से गाली-गलौज कर उन्हें पीट दिया.
भाजपा पदाधिकारियों से लगाई गुहार
पीड़ित पुजारी का आरोप है कि मारपीट की शिकायत पुलिस से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनके न सुनने पर बुधवार को भाजपा अनुसूचित मोर्चा के बाबूपुरवा मंडल अध्यक्ष शशांक रावत से गुहार लगाई. वह कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर पहुंचे और हंगामा किया। मौके पर बाबूपुरवा पुलिस पहुंची और लोगों को शांत कराकर तीनों को थाने ले गई जहां उन्होंने अपना नाम कन्नौज निवासी गुलशाद अहमद उर्फ सनी, सकलैन और रमजान बताया.