कानपुर मेडिकल कालेज की MBBS छात्रा हार गयी जिंदगी की जंग, 15 दिन मौत से जूझी

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ABC NEWS: कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कालेज परिसर की गंदगी और हास्टलों की अव्यवस्थाओं ने एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा पाखी आशीष की जान ले ली. उसे गंभीर हालत में उसकी साथी छात्राओं ने हास्टल से स्कूटी से लाकर भर्ती कराया था, जहां जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी.

एलएलआर अस्पताल (हैलट) इमरजेंसी के मेडिसिन आइसीयू में वेंटिलेटर पर 15 दिनों तक मृत्यु से संघर्ष करते करते आखिरकार हार गई. उसकी मौत की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एलएलआर इमरजेंसी पहुंच गए. मेडिकल कालेज परिसर और हास्टल में अव्यवस्थाओं को लेकर उनमें रोष था.

बाराबंकी निवासी आशीष कुमार श्रीवास्तव और मंजू श्रीवास्तव की 22 वर्षीय पुत्री पाखी आशीष पैरा एनटू (एमबीबीएस तृतीय वर्ष) बैच की छात्रा थी। वह मेडिकल कालेज के अंडर ग्रेजुएट गर्ल्स हास्टल में रह रही थी। उसे चार दिन से बुखार आ रहा था, 26 सितंबर को उसे चक्कर और बेहोशी आने पर उसकी सहेलियों ने स्कूटी से रात 10.30 बजे हैलट इमरजेंसी लेकर पहुंची।

गंभीर स्थिति को देखते हुए सीटी स्कैन जांच कराई तो ब्रेन में एक्यूट नाइक्रोटाइजिंग इंसेफेलाइटिस के संक्रमण का पता चला, जिससे उसका दिमाग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत होने पर स्वाइन फ्लू की जांच कराई.

लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी. आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर डा. बीपी प्रियदर्शी की देखरेख में पांच सदस्यीय डाक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही थी. बावजूद इसके उसकी हालत बिगड़ती चली गई. जिंदगी के लिए संघर्ष करते करते आखिरकार मंगलवार दोपहर 3.45 बजे पाखी मौत से हार गई.

मौत की सूचना मिलते ही प्राचार्य प्रो. संजय काला, उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि, प्रो. लुबना खान, डा. पालिका पाल और एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या इमरजेंसी पहुंच गए. पहले से मौजूद गमगीन मेडिकल छात्र छात्राओं को समझाते रहे. साथ ही पाखी के शव को एम्बुलेंस से बाराबंकी भिजवाने का इंतजाम कराने में जुटे रहे. एंबुलेंस जैसे ही आइसीयू गेट पर पहुंची सभी की आंखें भर आईं.

पाखी का शव बाहर आते बिलख उठीं छात्राएं

आइसीयू से पाखी का शव जैसे ही बाहर आया, छात्र छात्राएं बिलख उठे. वहां मौजूद मेडिकल शिक्षक उन्हें ढांढस बंधाती रहीं. कुछ छात्र छात्राएं पाखी की मां को संभालने का प्रयास करती रहीं. इसी तरह प्राचार्य व कुछ छात्र पाखी के पिता को संभालते रहे.

शव के साथ गए 26 छात्र छात्राएं

पाखी के शव के साथ छात्र छात्राएं जाने की जिद्द पर अड़ गए. इस पर प्राचार्य प्रो. संजय काला ने कालेज की बस से 26 छात्र छात्राओं को भेजने की व्यवस्था कराई. साथ ही 65 छात्र छात्राएं बुधवार को बाराबंकी जाकर उसके दाह संस्कार में शामिल होंगे.

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