ABC News: कंप्यूटरीकृत तरीके से बिजली आपूर्ति कराने का प्रदेश का पहला तंत्र स्काडा एडवांस्ड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (एडीएमएस) का विकासनगर स्थित कंट्रोल रूम तैयार हो गया है. अभी फूलबाग, बिजलीघर और नवाबगंज डिवीजन के 14 सबस्टेशनों को इससे जोड़ा गया है. विद्युत विभाग का दावा है कि मार्च से इसकी शुरुआत के बाद फॉल्ट होते ही संबंधित क्षेत्र के जेई से लेकर एक्सईएन और लाइनमैन के पास एसएमएस पहुंच जाएगा.
खास बात यह होगी कि फीडर से बिजली जाने पर शटडाउन खुद हो जाएगा और दूसरे वैकल्पिक फीडर से आपूर्ति शुरू हो जाएगी. केस्को निर्माण के अधिशासी अभियंता मनीष गुप्ता ने बताया 10 सबस्टेशनों का डाटा कंप्यूटरीकृत कंट्रोल रूम में आने लगा है. इसका ट्रायल भी केस्को इंजीनियरों ने करा लिया है. मार्च के पहले सप्ताह में उद्घाटन होना है. दूसरे चरण में केस्को के सभी सबस्टेशनों को इससे जोड़ दिया जाएगा. विकासनगर के कंट्रोलरूम के साथ ही बैकअप कंट्रोलरूम आईआईटी में बनाया गया है. नए सिस्टम के तहत वोल्टेज का उतार-चढ़ाव नहीं होगा. फीडरों पर लोड की जानकारी मिलने पर फीडर संतुलित भी किए जा सकेंगे. किस क्षेत्र में और किस समय कितनी बिजली चोरी हो रही है इसकी लोकेशन भी कंट्रोलरूम को मिलेगी. इससे वहां अभियान चलाकर बिजली चोरी रोकी जा सकेगी.
इन सबस्टेशनों को जोड़ा गया
कंपनीबाग, सीएसए, आरपीएच ओल्ड, आरपीएच न्यू, ब्रजेंद्र स्वरूप पार्क, आरबीआई, खास बाजार, फूलबाग, सरसैयाघाट, भैरवघाट, झाड़ीबाबा पड़ाव, जीआईसी, मालरोड, म्योरमिल सबस्टेशन
64 करोड़ में पूरी हुई परियोजना
इस परियोजना की लागत लगभग 64 करोड़ रुपये है. 44 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी कानपुर और 20 करोड़ रुपये केस्को की तरफ से खर्च किया गया है. परियोजना को पूरा होने के बाद छह साल तक इस सिस्टम का रखरखाव कार्यदायी कंपनी जीई (जनरल इंजीनियरिंग) करेगी. आईआईटी कानपुर सलाहकार है.