ABC News: कानपुर में दवा कारोबारी और भाजपा पार्षद के पति के बीच हुई मारपीट मामले में भाजपा के अंदर ही मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं. एक दिन पहले जहां विधानसभा सतीश महाना से जुड़े लोग पार्षद के समर्थन में पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंचे थे, वहीं अब सांसद सत्यदेव पचौरी ने ऐसा बयान दिया है, जो न केवल सियासत के गलियारे में बल्कि भाजपा के अंदर भी चर्चा का विषय बन गया है.
*️⃣दवा व्यापारी से मारपीट मामले में भाजपा में दो फाड़
*️⃣सांसद सत्यदेव पचौरी बोले मारपीट करने वाले हैं अपराधी
*️⃣कार्रवाई पर पुलिस कमिश्नर को दी बधाई-सत्यदेव पचौरी
*️⃣प्रदेश अध्यक्ष को लिखेंगे कार्रवाई करने को पत्र
*️⃣दवा व्यापारी के साथ किया गया जघन्य अपराध-सत्यदेव… pic.twitter.com/0nkq11pZbr
— Abcnews.media (@abcnewsmedia) September 28, 2023
सांसद सत्यदेव पचौरी ने अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिस तरह से दवा कारोबारी के साथ मारपीट की गई. उससे उनकी आंखों को काफी नुकसान पहुंचा है. सांसद सत्यदेव पचौरी ने इसे जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि मारपीट मेें जिस तरह से उसकी एक आंख की रोशनी चली गई और दूसरी आंख को भी काफी नुकसान पहुंचा है. यह हत्या से कम अपराध नहीं है. उन्होेंने कहा कि पुलिस कमिश्नर से उनकी बात हुई है. जिसमें उन्होंने सत्य के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही है और किसी दबाव में न आने को भी कहा है. उन्होंने कहा कि जो अपराधी है, उसके खिलाफ एक्शन लीजिए. सांसद ने कहा कि उन्होंने आरोपियों पर इनाम घोषित करने को लेकर भी पुलिस को बधाई दी है. एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के समर्थकों की तरफ से पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचने पर भी सांसद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
सांसद ने कहा कि मैं समझता हूं वो भाजपा के कार्यकर्ता नहीं रहेंगे. इस मामले में पार्टी के अंदर दो फाड़ होने की बात से इंकार करते हुए सांसद ने कहा कि हम सत्य के साथ हैं. पार्टी और सरकार भी सत्य के साथ है. उन्होंने कहा कि आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर वह प्रदेश नेतृत्व को पत्र लिखने जा रहे हैं.वहीं, इस मामले में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह छाबड़ा ने भी मुखर रवैया अपनाया है, इसको लेकर उन्होंने सांसद सत्यदेव पचौरी से मुलाकात भी की,, उन्होंने कहा कि जिस तरह से सिख कारोबारी की आंख फोड़ी गई और उन्हें बेरहमी से पीटा गया,, किसी धर्म या जाति के आधार पर नहीं, बल्कि मानवता के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी