ABC News: एक तरफ जहां लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा बिल पास होने पर महिलाओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है. वहीं, अब पुरूष आयोग के गठन की मांग भी तेज होने लगी है. पुरूष आयोग के गठन की मांग को लेकर कानपुर में मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण ऑर्गनाइजेशन ने एक वर्कशॉप आयोजित की. इस वर्कशॉप में पुरूषों के साथ होने वाली उत्पीड़न को लेकर गहन चिंता व्यक्त की गई.
संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. तपन अग्निहोत्री ने कहा कि पिछले दो दशक की एनसीआरबी की रिपोर्ट का अध्ययन किया गया तो पता चला कि पुरूषों के आत्महत्या की घटनाएं महिलाओं की अपेक्षा काफी ज्यादा हैं. पुरूषों में आत्महत्या का क्रम भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि पुरूष भी प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए जिस तरह से महिला आयोग का गठन किया गया है, उसी तरह से पुरूष आयोग का भी गठन होना जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान भी लैंगिक समानता की बात करता है.
यहां पर वरिष्ठ पत्रकार सौरभ शुक्ल ने कहा कि तमाम सारे मामले ऐसे सामने आते हैं, जहां पर महिलाओं की प्रताड़ना का शिकार पुरूष होते हैं लेकिन वह अपनी बात को कह नहीं पाते. ऐसे में कई तो आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा लेते हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं को लेकर तमाम कानून बनाए गए हैं लेकिन पुरूषों को लेकर इसका अभाव है, ऐसे में वह लोग शांति से और तर्कपूर्ण ढंग से अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे पुरूष आयोग के गठन की मांग पर सरकार का ध्यान आकृष्ट हो सके.