ABC News: कानपुर की कृतिका मिश्रा ने यूपीएससी परीक्षा में आइएएस अधिकारी बनकर शहर का नाम रोशन कर दिया है. कृतिका ने देश में 66वां व शहर में पहला स्थान प्राप्त किया है. उसकी इस उपलब्धि पर परिवार खुशी से फूला नहीं समा रहा है. कृतिका के पिता डॉ. दिवाकर मिश्र भी पेशे से शिक्षक हैं.
यूपीएससी का रिजल्ट जारी होते ही जैसे ही कृतिका के आइएएस के सेलेक्ट होने की जानकारी मिली, तो पूरे परिवार में जश्न का माहौल छा गया. जवाहरनगर स्थित घर में बधाई देने वालों का तांता लग गया. कृतिका के पिता डॉ. दिवाकर मिश्र पेशे से शिक्षक हैं और भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहते हैं. अपनी बेटी की उपलब्धि को बयां करते वह भावुक भी हो गए. उन्होंने कहा कि बेटी की मेहनत और लगन ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है. कृतिका का परिवार मूल रूप से शिवराजपुर ब्लॉक के काकूपुर रब्बन का है. कृतिका की माता भारतीय जीवन बीमा निगम में कार्यरत हैं. कृतिका की छोटी बहन मुदिता मिश्रा ने युवा संसद की प्रथम विजेता होने का गौरव प्राप्त किया है. उसका भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष हुआ था. डॉ. दिवाकर मिश्र का कहना है कि बेटी ने पढ़ाई के लिए समय न निर्धारित करके जब समय मिला, तब पूरी एकाग्रता से पढ़ाई की. कृतिका ने यह उपलब्धि सेल्फ स्टडी के जरिए हासिल की है. उसने यूट्यूब व किताबों के माध्यम से पढ़ाई की है. इसके अलावा कृतिका कानपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी भी कर रही है. पिता ने बताया कि कृतिका हमेशा कक्षा में प्रथम आई है. प्रदेश से लेकर नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त किया है. 2015 में वह बालश्री पुरस्कार भी जीत चुकी है. कृतिका ने भी कहा कि वह हमेशा से देश सेवा के प्रति आगे बढ़कर कार्य करना चाहती थी.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी