ABC News: एंटी करप्शन के अफसरों ने वन विभाग के लिपिक को 50 हजार रुपए घूस लेते अरेस्ट कर लिया. अपने विभाग के कर्मचारी से ही सैलरी ठीक करने के नाम पर 1 लाख की घूस मांगी थी. घूस मांगने की शिकायत मिलने के बाद एंटी करेप्शन ने जाल बिछाया और घूस लेते हुए रंगे हाथों अरेस्ट कर लिया. नवाबगंज थाने में लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
एंटी करप्शन की इंस्पेक्टर एकता त्यागी ने बताया कि प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग (डीएफओ ऑफिस) में रामचंद्र प्रधान सहायक हैं. इसी विभाग में तैनात सेना से रिटायर प्रेम चंद्र सिंह भी कार्यरत है. प्रेम चंद्र सिंह ने शिकायत की थी कि उनकी सैलरी ठीक मानक के मुताबिक नहीं मिल रही थी. उसे ठीक करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. रामचंद्र ने सैलरी ठीक करने के नाम पर 1 लाख रुपए की घूस मांगी थी. कई बार समझाने के बाद और अफसरों से शिकायत के बाद भी वह बगैर घूस काम करने को तैयार नहीं थे. इसके चलते उन्होंने मामले की जानकारी एंटी करप्शन विभाग को दी थी. एंटी करप्शन की टीम प्लानिंग के तहत प्रेमचंद्र सिंह को 50 हजार रुपए घूस देने के लिए दिए. इसके साथ ही पहले से ही दफ्तर में जाल बिछा दिया. इसके बाद घूस लेते ही रामचंद्र को रंगे हाथों दबोच लिया. नवाबगंज थाने की पुलिस के हवाले कर दिया. नवाबगंज थाना प्रभारी ने बताया कि एंटी करप्शन की इंस्पेक्टर की तहरीर पर वरिष्ठ सहायक रामचंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करके अरेस्ट कर लिया. कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेजा जाएगा. वन विभाग में काम कर रहे रिटायर सैनिक प्रेम चंद्र सिंह ने बताया कि सैलरी ठीक कराने के लिए एक साल से लिपिक के चक्कर काट रहे थे. परेशान होने के बाद उन्होंने एंटी करप्शन से संपर्क साधा था.