ABC News: असम पुलिस ने कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को गुरुवार (23 फरवरी) को दिल्ली से गिरफ्तार किया. इस मामले को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि केस को रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट जाएं, हम कहेंगे कि मजिस्ट्रेट उन्हें अंतरिम जमानत दे दें. साथ ही कोर्ट ने सभी केस एक जगह ट्रांसफर करने की मांग पर यूपी और असम पुलिस को नोटिस जारी किया है.
Supreme Court issues notice to Assam Police & UP Police on Congress leader Pawan Khera’s plea seeking clubbing of FIRs. SC says, till the next date of hearing,the petitioner will be released on interim bail by Dwarka court
SC directs Dwarka court to grant interim relief to Khera pic.twitter.com/PyTalWRrAl
— ANI (@ANI) February 23, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी के मामले में असम पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया था. हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद कुछ ही घंटों में उनको सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई. आगे खेड़ा को रेगुलर बेल के लिए अर्जी देनी होगी. फिलहाल मंगलवार तक खेड़ा को गिरफ्तारी से राहत रहेगी.खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से एक राहत और मिली है. इसमें उनके खिलाफ दर्ज तीनों FIR को एक जगह क्लब करने का आदेश दिया गया है. हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि इनपर एकसाथ किस कोर्ट में सुनवाई होगी. कांग्रेस ने कोर्ट से खेड़ा के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग भी की थी. हालांकि, कोर्ट ने FIR रद्द करने का आदेश देने से इनकार कर दिया. बता दें कि खेड़ा पर जो आरोप लगे हैं, उनमें खेड़ा को 3 से 5 साल की सजा हो सकती है. वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि पवन खेड़ा को असम में दर्ज केस में हिरासत में लिया गया है. पूरे देश में केस दर्ज हो रहे हैं. इस मामले को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने सुना. चीफ जस्टिस ने पूछा कि पवन खेड़ा कौन हैं? सिंघवी ने बताया कि वे कांग्रेस प्रवक्ता हैं. उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो मैं शायद खुद नहीं कहता. सीजेआई ने कहा कि वह बयान क्या है? सिंघवी ने कहा कि बयान जैसा भी हो. गिरफ्तारी का मामला नहीं बनता.
सिंघवी ने कहा कि असम, वाराणसी और लखनऊ में केस हुए हैं. असम पुलिस ने एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया है. सिंघवी ने अंतरिम राहत और सभी केस एक साथ जोड़े जाने का अनुरोध किया. सीजेआई ने कहा कि आप कह रहे हैं कि पहली FIR वाराणसी में हुई है. सिंघवी ने कहा कि हिरासत में असम पुलिस ने लिया है. दीमा हसाओ के एक अधिकारी ने हिरासत में लेने का अनुरोध किया था. सिंघवी ने कहा कि मैं अब टीवी पर ज़्यादा नहीं आता, लेकिन यह कह सकता हूं कि यह गिरफ्तारी वाला बयान नहीं था. सीजेआई ने पूछा कि क्या कहा था? सिंघवी ने बताया कि ये कहा था कि मैं कन्फ्यूज हो जाता हूं कि नरेंद्र दामोदर दास मोदी हैं या गौतम दास. उन्होंने बाद में अपनी गलती के लिए खेद भी जताया था. उन्होंने कहा था कि गलती से कह दिया था. सिंघवी ने कहा कि लखनऊ और वाराणसी की एफआईआर 20 फरवरी की है. असम की 23 फरवरी की है. मैं गिरफ्तारी से राहत और सभी मामले एक साथ जोड़े जाने का अनुरोध कर रहा हूं. उन्हें रिहा किया जाए, वे जांच में सहयोग करेंगे. असम पुलिस की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि मैं असम के लिए पेश हुई हूं. गिरफ्तारी हो चुकी है. निचली अदालत में ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया जा रहा है. इनको वहां विरोध करना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट हटा सकता है. भाटी ने कहा कि मैं वीडियो प्ले कर रही हूं. आप खुद देख लीजिए कि गलती थी या क्या था.