ABC News : (फैज़ल हाशमी)
भारत की आज़ादी को 76 साल पूरे हो गए हैं. हर एक इंसान चाहे वो बच्चा हो या फिर बूढ़ा, ये बात बख़ूबी से जानता है कि भारत को संपूर्ण आज़ादी 15 अगस्त 1947 में मिली थी. पर क्या आपको ये बात पता है कि हमारे देश में एक ऐसा भी जिला मौजुद है जिसे आज़ादी 1942 में ही मिल गई थी, और पूरी दुनिया इसे बलिया के नाम से जानती है.
भारत के उत्तर प्रदेश के कई जिलों में से एक बलिया जिला एक ऐसा जिला है जिसे अंग्रेज़ों से आज़ादी सन् 1942 में ही मिल गई थी. ये उत्तर प्रदेश का एक भदेस जिला कहलाता है, साथ ही कुछ लोग इसे बागी बलिया के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि यहीं वो जिला है जहां से सन् 1857 में मंगल पांडे जैसे क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी.
वहीं अगर बात करें बलिया की आजादी की तो आपको बतादें कि क्रांति की आग बलिया में 11 अगस्त 1942 से ही लगना शुरू हो गई थी जब पूरे जिले में आजादी का जुलूस निकाला गया था, और देखते ही देखते ये आंदोलन क्रांति में बदलता गया. यहां तक की इसके होने के बाद काफी सारे भारतीय लोग शहीद भी हुए.
ये गृह युद्ध काफी लम्बा समय तक चला लेकिन आख़िरकार 20 अगस्त 1942 आते-आते ब्रिटिश सरकार को हथियारे डालने ही पड़े, और सरकार के collector J.C Nigam ने क्रांतिकारी चित्तू पांडे को बलिया सौप दिया. हालाँकि अंग्रेजों से हासिल की गई ये आजादी कोई ज्यादा दिन तक नहीं रही लेकिन फिर भी बलिया का नाम एक ऐसे जिले में गिना जाता है जो भारत में सबसे पहले आज़ाद हुआ था.