ABC News: कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस राजस्थान संकट के चलते रोचक हो गई है. अशोक गहलोत का सीएम पद का मोह अब उन पर भारी पड़ता दिख रहा और कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से उन्हें बाहर कर दिया गया है. कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान की इच्छा के विपरीत जाकर अशोक गहलोत का 82 विधायकों के इस्तीफा का दांव चलना गांधी परिवार को अच्छा नहीं लगा है. ऐसे में उन्हें लेकर अब गांधी परिवार रिस्क नहीं ले रहा है और अब उन्हें अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर दिया गया है. यही नहीं चर्चाएं तो यहां तक हैं कि अब सीएम पद पर भी किसी और नेता को लाया जा सकता है.
#RajasthanPoliticalCrisis | 102 Gehlot loyalists had told us that someone among them must be made CM. We told them that their opinion would be presented before party chief & that no conditions are attached to resolutions passed; party chief decides after consultations: Ajay Maken pic.twitter.com/EnNesPJ6ti
— ANI (@ANI) September 26, 2022
अब कहा जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, कमलनाथ जैसे नेता भी अब अध्यक्ष पद की रेस में आ गए हैं. यही नहीं दिग्विजय सिंह भी अध्यक्ष पद के चुनाव में उतर सकते हैं. राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी अध्यक्ष के लिए चुनाव में आ सकते हैं. कहा जा रहा है कि फिलहाल सोनिया गांधी और राहुल गांधी मंथन कर रहे हैं कि किसे अध्यक्ष चुनाव के लिए समर्थन किया जाए. इससे पहले अशोक गहलोत पर गांधी परिवार ने मन बना लिया था, लेकिन उनकी हरकत से वह अपमानित और भरोसे पर चोट जैसा महसूस कर रहा है. दरअसल कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सोमवार से नामांकन की शुरुआत होनी थी, लेकिन अब तक किसी ने नहीं किया है.
#RajasthanPoliticalCrisis | Mallikarjun Kharge & I briefed, in detail, the Congress chief about our meetings in Rajasthan. She asked us for a written report. We’ll give it to her by tonight or tomorrow: AICC Observer Ajay Maken, after meeting Congress interim chief Sonia Gandhi pic.twitter.com/3SepW92C1P
— ANI (@ANI) September 26, 2022
राजस्थान में आए सियासी संकट ने अध्यक्ष पद की रेस को भी उलझा दिया है. एक तरफ राजस्थान को लेकर पसोपेश की स्थिति है तो वहीं अध्यक्ष के तौर पर भी अब हाईकमान किसी और भरोसेमंद पर दांव लगाने पर विचार कर रहा है. अब तक केसी वेणुगोपाल का नाम इस रेस में नहीं था, लेकिन अचानक ही उनका नाम भी चर्चा में आ गया है. इसकी वजह यह है कि वह राहुल गांधी के करीबी हैं और दक्षिण भारत से आते हैं, जहां कांग्रेस खुद को मजबूत करने में जुटी है. केसी वेणुगोपाल का नाम अध्यक्ष पद की रेस में आने के बाद से ही ये कयास लगने लगे हैं. इसकी वजह यह है कि केसी वेणुगोपाल को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. कई सालों से पार्टी के अहम मामलों में केसी वेणुगोपाल का रोल रहा है और वह राहुल गांधी के करीबी रहे हैं. ऐसे में उनके अध्यक्ष पद पर आने से एक तरह से राहुल गांधी की पकड़ मजबूत हो जाएगी. अशोक गहलोत और कमलनाथ जैसे नेता सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं. अब केसी वेणुगोपाल के अध्यक्ष बनने से यह भी संदेश जाएगा कि पार्टी युवा नेताओं को आगे बढ़ा रही है.