ABC News: देश की नई संसद उद्घाटन के लिए तैयार है. रविवार को पीएम मोदी रिकॉर्ड समय में बनाई गई इस संसद का उद्घाटन करेंगे. संसद की नई इमारत में पूरे भारत का सार है. संसद का हर कोना भारतीय विविधता में एकता से भरा है. इसके निर्माण में देश के हर हिस्से और राज्यों का महत्व है.
संसद की इमारत को बनाने और संवारने के लिए त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य स्थानों सहित राज्यों से मंगाई गई है. जैसे राजस्थान से मार्बल लाए गए तो रेत हरियाणा से आई. नागपुर से सागौन की लकड़ी मंगवाई गई. दिल्ली में लाल किले और हुमायूं के मकबरे की तर्ज पर बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से मंगवाया गया है. लोकसभा कक्ष के अंदर स्थापित केसरिया हरा पत्थर राजस्थान के उदयपुर से लाया गया है.
उदयपुर के आबू रोड के मूर्तिकारों ने पत्थर की नक्काशी का काम किया और पत्थर कोटपूतली से लाए गए थे. सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगवाई गई है. अंदर लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था. इमारत के आसपास जाली का काम राजस्थान, नोएडा से करवाया गया. स्टील से बने फाल्स सीलिंग स्ट्रक्चर दमन और दीव से खरीदे गए थे.
फ्लाई ऐश ईंटे हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं. जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए. राज्यसभा कक्ष के अंदर स्थापित लाल ग्रेनाइट, अजमेर के लाखा से लाया गया और राजस्थान के अंबाजी से सफेद मार्बल लाया गया. अशोक प्रतीक को तराशने में प्रयुक्त सामग्री औरंगाबाद और जयपुर से लाई गई थी. लोकसभा और राज्यसभा के अंदर स्थापित दोनों अशोक चक्र इंदौर से मंगवाए गए थे.