ABC NEWS: राम भक्त हनुमान जी को भगवान शिव का सबसे श्रेष्ठ अवतार माना जाता है. हनुमान जी का जन्म असुरों का सर्वनाश करने और भगवान श्रीराम की भक्ति व सेवा करने के लिए हुआ था. हनुमान जी अपार शक्तियों के स्वामी हैं. हनुमान जी को अलग-अलग शक्तियां प्राप्त हैं. बचपन से ही हनुमान जी को चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त थीं. हनुमान जी की अपार शक्तियों को लेकर ग्रंथ पुराणों में कई प्रसंग मिलते हैं. आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से हनुमान जी की अपार व दैवीय शक्तियों का राज.
हनुमान जी का सूर्य को निगलना
पौराणिक कथा के अनुसार, बाल्यावस्था में हनुमान जी सूरज को फल समझकर खाने के लिए दौड़े. उसी समय देवराज इंद्र ने हनुमान जी को सूरज की तरफ बढ़ते देखा तो वे डर गए और उन्होंने हनुमान जी के मुख पर प्रहार किया. जिसके कारण हनुमान जी का जबड़ा टूट गया. हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति था. लेकिन, इंद्र के प्रहार करने से उनका जबड़ा टूट गया और जबड़े को हनु कहते हैं, इसलिए मारुति से नाम हनुमान पड़ा.
वायुदेव को आया क्रोध
देवराज इंद्र द्वारा हनुमान जी पर प्रहार करने के कारण वायुदेव को गुस्सा आया और उन्होंने समस्त संसार को वायु से मुक्त कर दिया. तब ब्रह्माजी के स्पर्श से हनुमान जी होश में आए. उसके बाद सभी देवताओं ने हनुमान जी को भिन्न-भिन्न शक्तियां और आशीर्वाद प्रदान किये. जिसके फलस्वरूप हनुमान जी सर्वशक्तिमान बन गये.
देवताओं ने दी शक्तियां
सूर्यदेव ने हनुमान जी को अपने तेज का सौवां भाग तथा नौ विधाओं का ज्ञान दिया था. कुबेर जी ने हनुमान जी को गदा भेंट की तथा भगवान शिव ने किसी भी अस्त्र से मृत्यु नहीं होने का वरदान दिया था. माता सीता ने हनुमान जी की भगवान श्रीराम के प्रति भक्ति देखकर उनको अमरता का वरदान दिया था. ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को इच्छानुसार शरीर का आकार तथा गति बदलने का वरदान दिया था. इस प्रकार समस्त देवतागणों से मिले वरदान, आशीर्वाद और शक्तियों के कारण हनुमान जी अपार शक्तियों के स्वामी बने.