ABC NEWS: इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई दिन बुधवार को रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और निर्जला एकादशी व्रत कथा सुनते हैं. इस साल निर्जला एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि समेत दो शुभ योग बन रहे हैं. दूसरा शुभ योग रवि योग है. इन दोनों शुभ योग में कार्य करने से सफलता की प्राप्ति होती है. निर्जला एकादशी के दिन पूजा के बाद दान करते हैं. दान करने से पुण्य मिलता है और पाप मिटते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव से जानते हैं निर्जला एकादशी के शुभ योग और दान के बारे में.
निर्जला एकादशी पर बने हैं दो शुभ योग
निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस बार निर्जला एकादशी पर सवार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 24 मिनट से बन रहा है और इसका समापन सुबह 06:00 बजे हो जाएगा. इस दिन रवि योग भी सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 06:00 बजे तक रहेगा. यदि आप इन दोनों शुभ योग में निर्जला एकादशी व्रत की पूजा कर लेते हैं तो बड़ा ही अच्छा रहेगा. विष्णु कृपा से आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती है.
निर्जला एकादशी महत्व
निर्जला एकादशी को सभी एकादशी व्रतों में महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह कठिन व्रत है, इसमें अन्न और जल का ग्रहण नहीं करते हैं. निर्जला एकादशी व्रत करने से सभी एकादशी व्रतों का पुण्य मिल जाता है. निर्जला एकादशी से आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करके मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं.
निर्जला एकादशी 2023 मुहूर्त
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत: 30 मई, मंगलवार, दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 31 मई, बुधवार, दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर
निर्जला एकादशी पूजा मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 51 मिनट तक, सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक.
निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय: 1 जून, गुरुवार, सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक
द्वादशी तिथि समापन: 1 जून, दोपहर 01 बजकर 39 मिनट पर
निर्जला एकादशी 2023 दान की वस्तुएं
निर्जला एकादशी पर जल कलश, नमक, तिल, वस्त्र, फल, अनाज आदि का दान करते हैं. निर्जला एकादशी पर जल का दान करने से पुण्य लाभ होता है और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. जो लोग नमक का दान करते हैं, उनको भोजन प्राप्त होता है. तिल दान से दुख और रोग से मुक्ति मिलती है. वस्त्र का दान करने से आयु बढ़ती है. जो लोग निर्जला एकादशी पर अनाज का दान करते हैं, उनका घर धन-धान्य से भरा रहता है.
प्रस्तुति- भूपेंद्र तिवारी