ABC NEWS: शनि देव कर्मफलदाता और न्याय के देवता हैं. वे हर व्यक्ति को अपनी दशा आने पर शुभ और अशुभ फल देते हैं. जो लोग अच्छे कर्म किए होते हैं, उनको वे शुभ फल प्रदान करते हैं. जो लोग बुरे कर्म किए होते हैं, उनको साढ़ेसाती या ढैय्या में कष्ट भोगना होता है. कुछ लोगों पर शनि देव हमेशा ही नाराज रहते हैं और वे उनको दंड भी देते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि शनि देव कैसे लोगों पर नाराज रहते हैं और उनकी कौन सी आदतें शनि की कुदृष्टि के लिए जिम्मेदार होती हैं.
1. जो लोग अपने माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों का अपमान करते हैं. उनकी बातों को अनदेखा करते हैं. महिलाओं के प्रति गलत विचार रखते हैं. वे शनि की कुदृष्टि के भागी बनते हैं.
2. मांस, मदिरा, शराब और अन्य तामसिक वस्तुओं का सेवन करने वालों पर शनि देव क्रोधित होते हैं. जो जुआ और सट्टा खेलते हैं, वे भी शनि की महादशा में कष्ट भोगते हैं.
3. धोखा देने वाले, दूसरों का बुरा सोचने वाले और घृणा करने वाले लोगों पर शनि देव नाराज होते हैं. छल, कपट करने वाले और दूसरों को नीचा दिखाने वाले लोग भी शनि की दृष्टि से नहीं बच पाते हैं.
4. बेजुबान जानवरों और पक्षियों, अपाहिज, लाचार या रोगी व्यक्ति को प्रताड़ित करने वालों पर शनि देव कुपित रहते हैं. साढ़ेसाती और ढैय्या के समय में उनका जीवन कष्टपूर्ण होता है.
5. जो लोग अपने निवास को गंदा रखते हैं, स्वयं भी गंदे रहते हैं. देवी-देवताओं का उपहास करते हैं. अपने से नीचे के कर्मचारियों के प्रति बुरा बर्ताव करते हैं. ऐसे लोग शनि की वक्र दृष्टि का सामना करते हैं.
प्रस्तुति- भूपेंद्र तिवारी