लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद SDM सस्पेंड, कोई दोषी बक्शा ना जायेगा: Dy CM

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ABC NEWS: कानपुर देहात में रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में कृष्ण गोपाल दीक्षित के यहां तहसील प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने गई थी. इसी दौरान टीम की परिजनों से नोकझोंक हो गई. आरोप है कि झोपड़ी में कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी थीं, तभी झोपड़ी पर तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया. इस मामले में मृतकों के परिजन अपनी मांगों को लेकर शव रखकर विरोध कर रहे थे. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के आश्वासन के बाद परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार हो गए हैं.

घटना के 24 घंटे बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी. दोनों शव एसपी कानपुर देहात बीबीजीटीएस मूर्ति ने अस्पताल भेज दिए हैं. कानपुर देहात जिला अस्पताल में पैनल पोस्टमार्टम करेगा. घटना के बाद मौके पर पीड़ितों से बात करते अधिकारी. (Photo: PTI)डिप्टी सीएम ने की बात, तब माने परिजन.

मंडोली गांव में हुई घटना को लेकर कानपुर के कमिश्नर राजशेखर ने आजतक से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को पीड़ित परिवार से बातचीत करने के लिए अधिकृत किया था.

वीडियो कॉल पर पीड़ित परिवार की डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से बात करवाई गई. इस दौरान पीड़ित परिवार ने अपनी मांगें डिप्टी सीएम के सामने रखीं. इसके बाद जिला प्रशासन व शासन स्तर पर जल्द से जल्द मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया गया है.

पीड़ित परिवार ने जमीन, मुआवजा और सरकारी नौकरी की उठाई थी मांग
पीड़ित परिवार ने खेती के लिए जमीन, मुआवजा, सरकारी नौकरी और सुरक्षा की मांग की थी. जिला प्रशासन स्तर पर जिन मांगों को माना जा सकता है, उन्हें पूरा किया जाएगा और बाकी के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा.

डिप्टी सीएम से बातचीत के बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गया है. फिलहाल इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पुलिस ने मुख्य आरोपी लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है.

डिप्टी सीएम बोले- किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा
इस घटना को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि कानपुर देहात की दुखद घटना के पीड़ितों से बात कर उन्हें हर संभव मदद दिए जाने और दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर एक्शन के लिए आश्वस्त करते हुए अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं. उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

जानिए क्या है पूरा मामला

कृष्ण गोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जे की शिकायत की गई थी. शिकायत के बाद प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ कब्जा हटाने पहुंची थी. बताया जाता है कि बुलडोजर दस्ते से दीक्षित और उनके परिवार के लोगों की कहासुनी हुई.

आरोप है कि बुलडोजर टीम ने पहले नल और मंदिर को गिराया और फिर छप्पर गिरा दिया. छप्पर गिरते समय उसमें आग लग गई. झोपड़ी में मौजूद कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला और उनकी 23 साल की बेटी नेहा की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए.

घटना की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण भड़क गए. मृतक महिला का बड़ा बेटा शिवम बजरंग दल में सह संयोजक है, लिहाजा दर्जनों की संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए. भीड़ ने मौके से बुलडोजर टीम को खदेड़ दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने मौके पर खड़ी लेखपाल की गाड़ी को पलट दिया.

गांव में तनाव देख भारी पुलिस बल के साथ पीएसी तैनात कर दी गई. खबर मिलते ही कानपुर कमिश्नर राजशेखर, ADG और आईजी भी मौके पर पहुंच गए. घटना की जानकारी होने पर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला भी मौके पर पहुंचीं थीं. पुलिस ने शिवम की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया. जेसीबी चला रहे ड्राइवर और लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया.

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