ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) केडीए ने भविष्य की प्लानिंग शुरू कर दी है. इसी के तहत अब डिफेंस कॉरीडोर और रिंग रोड को आधार बनाते हुए वहां तक प्राधिकरण की सीमा रखी जाएगी. इसके लिए कानपुर नगर, देहात और उन्नाव के 112 गांवों को केडीए में शामिल किया जाएगा. बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव पास कर इसे अब शासन को भेजा जाएगा.
कमिश्नर डॉ. लोकेश एम की अध्यक्षता में हुई केडीए बोर्ड बैठक में रखे गए सभी 14 प्रस्ताव पास कर दिए गए. बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए डीएम और केडीए उपाध्यक्ष विशाख जी ने बताया कि पूर्व में कानपुर नगर, देहात और उन्नाव के 117 गांवों को प्राधिकरण सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव शासन भेजा गया था लेकिन इसमें पांच गांव उन्नाव शुक्लागंज विकास प्राधिकरण में आ रहे थे. इसके बाद अब पांच गांव हटाकर 112 गांव शामिल किए गए हैं. संशोधित प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि डिफेंस कॉरीडोर और रिंग रोड के निर्माण को देखते हुए इस आधार पर इन गांवों को शामिल कर डेवलपमेंट कराया जाएगा.
150 करोड़ से न्यू कानपुर सिटी का डेवलपमेंट
इसके अलावा प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी योजना न्यू कानपुर सिटी का डेवलपमेंट 150 करोड़ की लागत से किया जाएगा. इसका प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास कर दिया गया है. बता दें कि केडीए जल्द ही न्यू कानपुर सिटी लॉन्च करने जा रहा है. इसके अलावा शहर के प्रवेश द्वारों का भी सुंदरीकरण कराया जाएगा. इसमें जाजमऊ और पनकी के इंट्री प्वाइंट का सबसे ज्यादा आकर्षक बनाने की तैयारी की गई. बजट में इसके लिए अलग से धनराशि का प्रावधान किया गया है, वहीं बिनगवां, जवाहरपुरम के भी डेवलपमेंट के लिए अलग से धनराशि का प्रावधान रखा गया है.
अब विवादित भूखंड के बदले मिलेंगे फ्लैट
एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव के तहत प्राधिकरण की आवासीय योजना में जो भूखंड विवादित होते हैं, उसमें अब केडीए आवंटी को वैकल्पिक भूखंड की जगह फ्लैट देगा. गौरतलब हो कि विवादित भूखंड होने की स्थिति में आवंटी को अभी तक वैकल्पिक भूखंड दिया जाता था लेकिन अब इस योजना को बदल दिया गया है. इसके अलावा, अगर किसी आवंटी को कोई भूखंड आवंटित होता है और उसके बगल में केडीए की जमीन खाली पड़ी है, तो अब आवंटी को खाली पड़ी जमीन लेना जरूरी होगा. ऐसा न करने की सूरत में आवंटी के भूखंड का आवंटन निरस्त भी हो सकता है. खाली पड़ी जमीन की लागत भी केडीए तय करेगा.
न्यू ट्रांसपोर्टनगर को लेकर बदली पॉलिसी
वहीं न्यू ट्रांसपोर्टनगर में खाली पड़े 275 भूखंडों को लेकर शर्तों में बदलाव किया गया है. अभी तक न्यू ट्रांसपोर्टनगर में केवल ट्रांसपोर्टरों को ही भूखंड का आवंटन होता था लेकिन अब इस शर्त को हटा लिया गया है. यहां पर खाली पड़े 275 भूखंड अब किसी को भी आवंटित किए जा सकेंगे. यहां पर लोग गाड़ियों के शोरूम के अलावा वेयर हाउस खोल सकते हैं.
मेट्रो के टीओडी जोन के कंसलटेंट तय
बोर्ड बैठक में मेट्रो के आसपास 500 मीटर के दायरे में टीओडी जोन डेवलप करने के लिए रूद्राभिषेक इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को अधिकृत कर दिया गया है. इसका प्रस्ताव बोर्ड में पास कर दिया गया. अब नई कंपनी टीओडी जोन के लिए फिर से प्रस्ताव तैयार करेगी, जिसे बोर्ड बैठक में रखकर फिर से शासन को भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि नए प्रस्ताव में फ्लोर एरिया रेशियो बढ़ाने का मुद्दा भी शामिल रहेगा.