ABC News: कानपुर में फजलगंज थाने से चंद कदम की दूरी पर तीन साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड में इटावा निवासी दो बदमाशों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. फजलगंज में हुए इस तिहरे हत्याकांड ने सभी के होश उड़ा दिये थे क्योंकि कातिलों ने यहां पर परचून दुकानदार, उसकी पत्नी व बेटे की बड़ी बेरहमी से हत्या की थी. इस मामले में कोर्ट ने इटावा निवासी गौरव शुक्ला और हिंमाशु सिंह चौहान को उम्रकैद की सजा सुनाई.
मूलरूप से उन्नाव के बीघापुर निवासी 45 वर्षीय प्रेमकिशोर अपनी 40 वर्षीय पत्नी ललिता व 12 वर्षीय पुत्र नैतिक के साथ फजलगंज स्थित उचवां बस्ती में रहते थे. प्रेमकिशोर घर के बाहर ही जनरल स्टोर चलाते थे. तीन अक्तूबर 2021 की सुबह जब प्रेम की दुकान पर सेल्समैन दूध देने पहुंचा तो ताला लगा था. दुकान न खुलने पर मोहल्ले के लोडर चालक राजेश सोनी ने प्रेम किशोर के दूसरे भाई प्रेम कुमार और प्रेम ने तीसरे भाई राजकिशोर को फोन पर सूचना दी. प्रेम और राजकिशोर के पहुंचने पर ताला तोड़ा गया, तो घर के अंदर प्रेम किशोर, उसकी पत्नी व बेटे के रक्तरंजित शव पड़े थे. तब राजकिशोर ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में पुलिस ने इटावा के बकेवर निवासी गौरव शुक्ला व महेवा निवासी हिमांशु सिंह चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. उनके पास से लूटी गई मोटरसाइकिल व लूट की रकम 11, 500 रुपये भी बरामद हुए थे. मृतक के भाई राजकुमार व राजकिशोर ने बताया कि कई साल पहले प्रेमकिशोर और गौरव गुरुग्राम की एक फैक्ट्री में साथ काम करते थे. तभी से गौरव का घर आना जाना हो गया.
घटना की रात गौरव ने प्रेमकिशोर के घर आकर बताया था कि उन्हें दिल्ली जाना था, ट्रेन छूट चुकी थी और फजलगंज से स्टेशन पास पड़ता है, इसलिए दोनों रात में वहीं रुक गए. दोनों ने घर पर ही खाना भी खाया और फिर साथ में सोने का नाटक किया. रात में प्रेमकिशोर के पैर बांधकर सिर पर लोहे की राड से हमला किया. नैतिक और ललिता के आ जाने पर उनकी भी हत्या कर दी. पुलिस का कहना था कि प्रेमकिशोर बिधनू में एक नया मकान बनवा रहा था, इसलिए गौरव को आशंका थी कि उसके घर पर बड़ी रकम होगी. इसीलिए उसने दोस्त के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी. राजकिशोर ने बताया कि ललिता के शरीर पर कोई जेवर नहीं मिले थे. हत्या में इस्तेमाल हुई लोहे की रॉड, गला कसने के लिए इस्तेमाल किया गया बिजली का तार और मुंह ढकने के लिए इस्तेमाल किया गया पॉलिथीन घटनास्थल से बरामद हुआ था. एडीजीसी शिवभगवान गोस्वामी ने बताया कि अभियोजन की ओर से 14 गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे. आरोपियों को सजा दिलाने में राजेश सोनी, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर के बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. डीजीजी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी ने कहा कि हम लोग फैसले से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए वह लोग हाईकोर्ट में अपील करेंगे.