ABC News: कानपुर में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में बुधवार को 37वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो सड़क से शिखर पर पहुंचा सकता है. राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि समाज के लिए कुछ कार्य करना होगा. पर्यावरण, जल, ऊर्जा संरक्षण की जिम्मेदारी निभाएं. युवाओं को दहेज न लेने की प्रतिज्ञा लेनी होगी. विकास के लिए 10 साल का विज़न प्लान बनाना होगा.
उन्होंने बताया कि आज विश्व जल दिवस है. जल सहभागिता के बिना जल संकट को दूर नहीं किया जा सकता है. प्रत्येक व्यक्ति को जल की बचत करनी होगी. देश मे हर घर नल, शौचालय पर कार्य हो रहा है. 25 मार्च को अर्थ ओवर डे है. इस दिन एक घंटे के लिए ऊर्जा की बचत करना है. राज्यभवन कई वर्षों से करते आ रहा है. आज का दीक्षांत समारोह है. कई लोगों को मेडल मिला है. कुछ को नहीं, लेकिन हिम्मत नहीं हारना चाहिए. यहां आज डीजी लॉकर में डिग्री चली गई है. अब बार बार यूनिवर्सिटी में आने की जरूरत नहीं है. जिन छात्रों को मेडल नहीं मिला है, उन्हें परेशान नहीं होना है. में कहती हूं कि सभी को मेडल मिला है.
आप ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे की जिंदगी में कुछ गलत हो. समाज कार्य करें, जल संरक्षण करें. पर्यावरण बचाएं. गांव की समस्या देखें. इसीलिए डिग्री मिली है. दारू पीकर माता, पिता, बेटी, पत्नी को पीटना है, यह गलत है. अभी मैंने सुना है डीएम बन गए, एसपी बन गए, जितनी बड़ी डिग्री उतना अधिक दहेज. इन समस्याओं और कुरीतियों को दूर करने के लिए ही डिग्री मिली है.
आज लड़कियों को भी मना करना है कि उस घर में शराब पी जाती है, वहां शादी नहीं करनी है. आज कल बहुओं को नहीं उसके दहेज को देखने के किये लोग आते हैं. लड़कों को भी दहेज के लिए मना करना होगा. माता पिता को कहना होगा कि अब दहेज नहीं चाहिए. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने दहेज के खिलाफ खूब अभियान चलाया. एक बेटी का बाप पैसा देकर खरीदता है, अच्छा लगता है. समाज मे ऐसे लोगों का उदाहरण देना चाहिए, जिससे समाज मे बदलाव हो. जब तक स्वयं सेवा नहीं करेंगे, तब तक समाज मे बदलाव नहीं आएगा. हम लोगों पर विश्वास नहीं होता है. सेवा तब होगी जब बेटा मां को गिलास का पानी देगा, लेकिन अभी उल्टा होता है.
पानी की जो कठिनाई है. समारोह के दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 59 छात्रों को 91 पदक दिए. पदक पाकर छात्र खुशी से झूम उठे. इसके साथ्ज्ञ ही यूनिवर्सिटी के 983 छात्र, 808 छात्राओं को डिग्री दी गई. इसके साथ ही पहली बार 65 छात्र व 64 छात्राओं को PHD की भी डिग्री दी गई. कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय के अलावा राजकीय बालगृह और टीबी से मुक्त हुए बच्चे भी शामिल हुए. बेहतर काम करने वाली 25 आंगनवाड़ी की महिलाओं को भी सम्मानित किया गया.