ABC News: अमेरिका में तिब्बती मुद्दों के लिए विशेष समन्वयक के रूप में कार्यरत अंडर सेक्रेटरी उजरा जेया ने रविवार को दिल्ली में 14वें दलाई लामा से मुलाकात की जिससे चीन भड़क गया. उच्च स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ इस बैठक के बाद चीन की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. इस बैठक में निर्वासित तिब्बती सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे, चीन ने इस बैठक की तीखी आलोचना की है और इसे अपने घरेलू मामलों में हस्तक्षेप बताया है.
दिल्ली में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग जियाओजियान ने ट्वीट्स के जरिए कहा कि तिब्बत के मामले पूरी तरह से चीन के आंतरिक मामले हैं और किसी भी बाहरी ताकत को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. तिब्बत के मुद्दों के लिए अमेरिकी विशेष समन्वयक की अवधारणा पर सवाल उठाते हुए जियाओजियान ने इसे ‘शुद्ध अपराध’ और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए राजनीतिक हेरफेर का कदम कहा. बौखलाए चीन की ओर से कहा गया कि ‘चीन हमेशा इसका कड़ाई से विरोध करता रहा है और उसने इसे कभी मान्यता नहीं दी है.’ चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ‘तथाकथित निर्वासित तिब्बती सरकार’ एक पूरी तरह से अलगाववादी राजनीतिक समूह और एक अवैध संगठन है जो पूरी तरह से चीन के संविधान और कानूनों का उल्लंघन है. गौरतलब है कि मई 2022 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अमेरिका के विशेष दूत ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में दलाई लामा से भी मुलाकात की थी. उस समय भी चीनी विदेश मंत्रालय ने इस मुलाकात की आलोचना करते हुए इसे चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से कहा था कि ‘अमेरिका को अपनी इस प्रतिबद्धता का ईमानदारी से पालन करना चाहिए कि तिब्बत चीन का हिस्सा है.’