ABC NEWS: रेगिस्तान के शहर के तौर पर मशहूर दुबई में फिलहाल बाढ़ का हाहाकार है. मशहूर शॉपिंग मॉल्स में पानी भरा है. पार्किंगों में गाड़ियां तैर रहीं हैं और सड़कें तालाब बनी पड़ी हैं. हालात यह हैं कि एयरपोर्ट भी बाढ़ में डूब गया है और हवाई पट्टी ही नहीं दिख रही. शहर का ड्राइवरलेस मेट्रो सिस्टम भी ठहर गया है. आखिर रेतीली जमीन पर अचानक इतनी बारिश क्यों हुई। यह जलप्रलय क्यों आई है? हर किसी का यही सवाल है. दरअसल कुछ वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह साइंस के इस्तेमाल से हुई गलती है, जिसका खामियाजा पूरा शहर भुगत रहा है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमवार और मंगलवार को क्लाउड सीडिंग के लिए विमान उड़ाए गए थे. क्लाउड सीडिंग वह तकनीक है, जिसके जरिए कृत्रिम बारिश कराई जाती है लेकिन यह पूरा प्लान तब फेल हो गया, जब कृत्रिम बारिश की कोशिश में बादल ही फट गया कहा जा रहा है कि इतनी बारिश महज कुछ घंटों में हो गई, जो डेढ़ साल में हुआ करती थी. इसका असर हुआ कि पूरा शहर जलमग्न हो गया और ऐसी जलप्रलय आई, जो दुबई के बारे में किसी ने सोची भी नहीं थी. दुबई के अलावा एक और शहर फुजैराह में भी यही हालात हैं. यहां 5.7 इंच तक बारिश हुई है.
Chaos in Dubai as a reported 18 months worth of rain fell in a few hours. pic.twitter.com/cY3U4tQ952
— Tony – Pod Guy – Groves (@Trickstersworld) April 16, 2024
इस बारिश के चलते रास अल-खैमा में एक शख्स की मौत हो गई. वह अपनी कार से गुजर रहा था, लेकिन बाढ़ के पानी में उसकी गाड़ी ही बह गई. दुनिया के सबसे बड़े शॉपिंग सेंटर्स में से एक मॉल ऑफ अमीरात की दुकानों का ऐसा हाल हुआ है कि छतों से पानी टपकने लगा. यही नहीं कुछ दुकानों की तो छत ही गिर पड़ी. दुबई के मौसम की जानकारी रखने वालों का कहना है कि बीते 75 सालों के इतिहास में कभी इतनी बारिश नहीं हुई थी. इस बारिश की वजह से शारजाह सिटी सेंटर और दिएरा सिटी सेंटर को भी नुकसान पहुंचा है.
दुबई के एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही को रोक दिया गया है. यही नहीं पार्किंग में खड़ी गाड़ियां पानी में ऐसी डूबी हैं कि उन्हें निकालना भी संभव नहीं हो रहा है. तमाम घरों और कॉलोनियों में पानी भर गया है. फिलहाल दुबई की अथॉरिटीज ने टैंकर भेजे हैं और पंप के जरिए पानी निकाला जा रहा है. दुबई में महज 24 घंटे के अंदर 142 मिलीमीटर बारिश हुई है. आमतौर पर एक साल में 94.7 मिलियन बारिश होती है. इस तरह कुछ ही घंटों में करीब डेढ़ साल के जितनी बारिश हो गई है.
संयुक्त अरब अमीरात में आमतौर पर बारिश बहुत कम होती है. पूरा साल लगभग सूखा ही गुजरता है, बस सर्दी वाले कुछ महीनों में हल्की बारिश होती है. बारिश कम होती है, इसी के चलते पानी की निकासी की व्यवस्था भी बहुत ज्यादा नहीं की गई है. यही नहीं यूएई के अलावा सऊदी अरब, बहरीन, कतर जैसे देशों में भी कम बारिश होती है. अरब की खाड़ी वाले ज्यादातर देशों की यही स्थिति है.