ABC NEWS: उत्तराखंड में अगले 48 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. उत्तरकाशी से लेकर कुमाऊं मंडल तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 11 और 12 जुलाई को पहाड़ी जनपदों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है. हिमाचल में जो बारिश हुई है उसका इंपैक्ट कुमाऊं क्षेत्र में भी देखने को मिल सकता है. उत्तराखंड मौसम विभाग के निदेशक डॉक्टर विक्रम सिंह ने कहा कि मौसम को देखते ही वह अपनी यात्रा करें. अगर बहुत आवश्यक नहीं है तो पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें.
#WATCH उत्तराखंड:राज्य में हो रही लगातार बारिश से रेल यातायत प्रभावित हुआ। हरिद्वार के टीबड़ी क्षेत्र में रेलवे लाइन की जमीन खिसकने से रेल पटरियां टूट गई हैं। मनसा देवी पहाड़ी से आए मलबे के चलते रेलवे टनल के पास पटरियों पर भी मलबा आ गया है।ऐसे में दर्जनों ट्रेने प्रभावित हुईं। pic.twitter.com/45uMPymxgG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 11, 2023
हरिद्वार में टूटीं रेल की पटरियां
उत्तराखंड:राज्य में हो रही लगातार बारिश से रेल यातायत प्रभावित हुआ. हरिद्वार के टीबड़ी क्षेत्र में रेलवे लाइन की जमीन खिसकने से रेल पटरियां टूट गई हैं. मनसा देवी पहाड़ी से आए मलबे के चलते रेलवे टनल के पास पटरियों पर भी मलबा आ गया है.ऐसे में दर्जनों ट्रेने प्रभावित हुईं.
रुद्रप्रयाग मे ंकैसे हैं हालात
रुद्रप्रयाग में हो रही भारी मूसलाधार के चलते जनपद के कुछ स्थानों पर पहाड़ी से मलबा, पत्थर गिरने से जहां कई स्थानों पर नुकसान की खबर है. वहीं NH 56 और 109 कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. पुलिस ने तीर्थयात्रियों और कांवड़ियों से अपील की है कि जब तक जरूरी ना हो तब तक यात्रा न करें. मंगलवार दिन भर ऋषिकेश-बद्रीनाथ NH सिरोहबगड़ में लगातार पत्थर गिर रहे हैं जो कल रात से बंद था. उसे अब खोल दिया गया है. लेकिन बार-बार पत्थर गिरने के कारण रास्ता बार-बार रुक रहा है. वहीं रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड NH फाटा के पास पहाड़ी से मलबा आने के कारण बाधित चल रहा है.
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा, कुछ ज़िलों में ऑरेंज और पीला अलर्ट था जिसे कल शाम से रेड अलर्ट कर दिया है. मुख्यमंत्री ने भी यहां का दौरा किया है और देखा कि कैसे काम किया जा रहा है. उत्तरकाशी में हादसा हुआ है जिसमें 3 गाड़ियों पर पत्थर गिरने से 4 लोगों की मृत्यु और 7 लोग घायल हुए हैं. अन्य किसी भी जगह ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ. हम यात्रियों को चेतावनी दे रहे हैं कि कहीं भी ऐसी जगह न जाएं जहां पत्थर गिरने की आशंका हो.