आदिपुरुष: ‘जलेगी तेरे बाप की’… मेकर्स ने बदले डायलॉग, फिर करा ली फजीहत

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ABC NEWS: ”कपड़ा तेरे बाप का, तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की, जलेगी भी तेरे बाप की….” किसने लिखे ये डायलॉग्स?  आदिपुरुष रिलीज हुई तो जैसे कोहराम मच गया. हर कोई फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर के भला बुरा कहने लगा. ऐसे में मेकर्स के पास इन लाइनों को बदलने के अलावा और बचा ही क्या था? कर दिया ऐलान कि बदल दिए जाएंगे सभी विवादित डायलॉग्स. एक हफ्ते के अंदर इस प्रक्रिया को पूरा कर फिल्म को दिखाया जाएगा.

तो लीजिए बदल दिए गए सभी आपत्तिजनक डायलॉग्स. हनुमान जी के हों या रावण के, मेकर्स उन पांच डायलॉग्स को चेंज करने पर काम कर डाला है, जो दर्शकों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही थी. फिल्म इन सभी चेंजेस के साथ सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है. आप अपनी टिकट के पैसे खर्च कर के वापस उसे देखने जाएं, उससे पहले हम आपको दिखाते हैं वो एक क्लिप, जहां पवन पुत्र हनुमान जी के डायलॉग्स की नई डबिंग सुनाई पड़ रही है. सुनाई हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बोलते तो वो पहले वाले डायलॉग्स ही दिख रहे हैं. जो बिल्कुल भी इम्पैक्ट डालती नजर नहीं आ रही है.

फिर करा ली फजीहत…
हनुमान जी की पूंछ में आग लगी हुई है. वो मुड़ते हैं और मेघनाद से कहते हैं- ‘कपड़ा तेरी लंका का, तेल तेरी लंका का, आग भी तेरी लंका की, जलेगी भी तेरी लंका ही.’ अब इस डायलॉग में कितना दम है, और ये दर्शकों पर किस कदर प्रभाव डालेगी, ये तो जनता ही तय करेगी. लेकिन…लेकिन…लेकिन हमारी मानें तो एक इतनी बड़ी फिल्म के लिए महज डायलॉग्स के री-डबिंग से काम नहीं चल पाएगा. आदिपुरुष जो कि 600 करोड़ के बजट में बनी है. इसमें अव्वल दर्जे के VFX का इस्तेमाल किया गया हो (जो कि देखने से लगता नहीं है). फिर भी क्रिएटीविटी का सुपर यूज, उसमें आपको कैरेक्टर्स के मुंह से ऐसे डायलॉग्स सुनने को मिलें, लेकिन लिप्सिंग ने सारा खेल खराब कर दिया है. सुनाई भले लंका दे लेकिन दिखाई बाप ही दे रहा है. इससे बड़ी चूक क्या ही होगी?

चूक पर चूक कर गए मेकर्स
हालांकि, बात ये भी सही है कि एक बनी बनाई फिल्म में बदलाव करने में कई पापड़ बेलने पड़ते हैं. इसमें काफी खर्चा भी आता है. साफ बात है, कि फिल्म के मेकर्स और मनोज मुंतशिर ने इन पांच डायलॉग्स को लेकर खासी नाराजगी झेली है. फिल्म पर जितना और जिस कदर प्रभाव पड़ना था वो पड़ चुका. अब तो सिर्फ लीपा-पोती ही करनी है, तो कर दी. डायलॉग्स को मॉडिफाई कर दिया है, बाकि लोगों के ऊपर है फिल्म को देखना या ना देखना, मेकर्स ने पल्ला झाड़ लिया है. ना को दर्शकों फिल्म के डायलॉग्स पसंद आए, ना ही वीएफएक्स, ना ही कैरेक्टर्स के गेटअप. अगर ओम राउत ने आदिपुरुष को रामायण की कहानी पर आधारित ही फिल्म बनाई थी, तो भी ये तमाम बदलावों के बाद भी दर्शकों से जुड़ने में नाकामयाब रही है.

लुढ़कता बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
बात करें आदिपुरुष के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की तो, उसमें पहले से ही भारी गिरावट दर्ज की गई है. 16 जून को रिलीज हुई फिल्म ने पहले ही दिन 140 करोड़ का रिकॉर्डतोड़ कलेक्शन किया था. लेकिन दिन गुजरते के साथ ही ‘आदिपुरुष’ की कमाई रविवार के मुकाबले 75% से भी ज्यादा कम हो गई. रविवार को फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 69 करोड़ रुपये ही कमाए. सैकनिल्क की रिपोर्ट बताती है कि सोमवार को फिल्म का कलेक्शन 16 करोड़ रुपये ही हुआ. वहीं बात आज की करें तो, फिल्म का कलेक्शन गिरकर 10 करोड़ के आसपास आ गया है. ऐसे में यही कह सकते हैं कि फ‍िल्म की लंका लग चुकी है.

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