ABC NEWS: कानपुर देहात की दक्षिणी सीमा पर उफनाई यमुना का पानी खतरे के निशान से पौने चार मीटर ऊपर पहुंचने से भोगनीपुर व सिकंदरा तहसील के 30 गांव बाढ़ से घिर गए. प्रभावित गांवों में घरों के अंदर बाढ़ का पानी घुसने से करीब दो सौ परिवारों ने घर छोड़ दिया. वहीं एक दर्जन गांव के रास्तों में 15 से बाइस फुट तक पानी भर जाने से आने जाने के लिए सिर्फ नावों का सहारा बचा है.
कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी के जलस्तर में लगातार इजाफ हो रहा है. गुरुवार को यमुना का पानी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर पहुंच गया। इससे यमुना तटवर्ती 30 गांवों के साथ ही करीब तीस हजार की आबादी बाढ़ की चपेट मे आ गई है. भोगनीपुर क्षेत्र में यमुना-सेंगुर के संगमस्थल चपरघटा के आस पास के आढ़न, पथार, मुसरिया, क्योंटरा, कुंभापुर, पड़ाव, भुंडा, नयापुरवा आदि गांव बाढ़ से घिर गए हैं. इन गांवों के रास्तों में15 फुट तक पानी भरने से आवागमन के लिए अब नावों का सहारा बचा है. प्रशासन ने यहां 9 नावों का प्रबंध किया है जबकि पथार, क्योंटरा सहित कई गांवों में घरों के अंदर तक पानी भर जाने से यहां के करीब डेढ़ सौ लोग घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए.
सिकंदरा क्षेत्र के गौहानी बांगर, बैजामऊ, जैसलपुर,महदेवा,भूपईया पुर आदि गांवो में भी बाढ़ कहर बरपा रही है. जैसलपुर व बैजामऊ में यमुना का पानी घरों तक पहुंचने से दोनों गांवों के 50 परिवार गांव से सामान समेट कर सुरक्षित ठिकाने पर रवाना हो गए. क्रेंदीय जल आयोग के कालपी स्थित केंद्र केशिफ्ट प्रभारी सौरभ यादव व मनोज ने बताया कि यमुना का जलस्तर अब 4 से 5 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है. शुक्रवार सुबह 8 बजे यमुना111.78 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान से पौने चार मीटर ऊपर है.