ABC NEWS: यूपी में निकाय चुनाव को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई. अब अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मेयर और अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण किया जाना है. हाईकोर्ट के आदेश पर गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें पिछड़ों को आरक्षण देने का फार्मूला दिया गया है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस रिपोर्ट को प्रस्तुत करते हुए निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी है. सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होनी है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनावाई टलने से अब ये तय हो गया है कि यूपी निकाय चुनाव में अभी और देरी हो सकती है. बता दें कि ओबीसी सर्वे रिपोर्ट पहले ही सरकार को सौंप दी गई है. ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगम में आरक्षण बदल जाएगा. अगर ऐसा होता है तो राजनितिक दलों को एक बार फिर नए सिरे से तैयारी करनी पड़ेगी. वहीं नगर विकास विभाग अप्रैल और मई तक चुनावी प्रक्रिया को पूरी करना चाह रहा है.
सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर यूपी नगर निगम नियमावली और नगर पालिका परिषद नियमावली में संशोधन भी कर सकता है. जिससे पिछड़े को 27 फीसदी आरक्षण देने की स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाए. संसोधन की स्थिति में इसे कैबिनेट से मंजूर कराया जाएगा.