ABC NEWS: बेसहारा मुस्लिम बच्चों के पालन पोषण के लिए कानपुर में स्थापित यतीमखाना और अनाथालय का नाम आने वाले दिनों में बदला जा सकता है. एडीसीपी पश्चिम लखन सिंह यादव के प्रस्ताव पर राज्य बाल आयोग ने इस तरह की संस्तुति सरकार से की है. सरकार भी उनके इस प्रस्ताव से सहमत है और जल्द ही नाम बदला जा सकता है.
मुस्लिम बेसहारा बच्चों के पालन पोषण के लिए यतीमखाना की स्थापना वर्षों पहले की गई थी. लगभग हर बड़े शहर में यतीमखाना हैं. यतीमखाना की देखरेख वक्फ कमेटियों के हाथों में होती है. पिछले दिनों राज्य बाल आयोग ने प्रदेश के यतीमखाना का निरीक्षण किया था. एक टीम कानपुर भी आई थी.
एडीसीपी पश्चिम लखन सिंह यादव ने आयोग को एक लिखित प्रस्ताव देते हुए कहा है कि यतीमखाना शब्द सही नहीं है. इससे यहां रहने वाले बच्चों में हीनभावना आती है. बच्चों के मनोभाव को देखते हुए यतीमखाना का नाम बदला जाए. बाल सदन, बाल गृह या कोई भी ऐसा नाम उपयुक्त हो सकता है.
एडीसीपी ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव को राज्य बाल आयोग ने मान लिया है. उनके प्रस्ताव पर आयोग ने यतीमखाना का नाम बदलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. जल्द ही इस मामले में कोई फैसला हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक सरकार अनाथालय का नाम भी बदलने पर विचार कर रही है.