ABC NEWS: स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से संचालित हो रही झोलाछापों की दुकान लोगों की जान के दुश्मन बने हैं. कानपुर देहात के असालतगंज के मेघन गांव में एक किशोर की झोलाछाप के इलाज से जान चली गई. गुस्साए स्वजन ने हंगामा किया और शव लेकर थाने पहुंच गए व कार्रवाई की मांग की. स्वजन व ग्रामीणों ने झोलाछाप को भी पकड़ लिया और तहसील परिसर में बैठा लिया. आरोपित ने 10 हजार तक इलाज में खर्च की बात कही थी और किसी दूसरे के यहां ले जाने से मना किया था. आरोपित के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मुकदमा किया गया.
मेघन निवासी गौरीशंकर राठौर कक्षा नौ में पढ़ने वाला पौत्र सचिन राठौर को बुखार आने पर उसे असालतगं के झोलाछाप अमित कुमार पाल के यहां लेकर गए थे. अमित ने उसे सही करने का ठेका लिया और सात हजार रुपये लिए. साथ ही कहा कि कहीं और ले जाने की जरूरत नहीं है. उसने 10 हजार इलाज खर्च बता दो हजार रुपये पहले लिए थे. उसके इलाज शुरू करने पर हालत और बिगड़ गई और सचिन की जान चली गई.
इससे बाबा गौरीशंकर, दादी कुंती देवी, मां अनीता व भाई मयंक व बहन महक का रो रोकर बुरा हाल हो गया. घटना से स्वजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया. शव लेकर थाने पहुंच गए और आरोपित झोलाछाप अमित पर कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने किसी तरह से लोगों को शांत कराया. वहीं ग्रामीण गए और झोलाछाप को भी पकड़ लाए और तहसील परिसर में बैठा लिया. कुछ देर बाद मौका पाकर वह निकल गया. रसूलाबाद थाना प्रभारी अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि मृतक के भाई मयंक राठौर की ओर से मिली तहरीर के आधार पर अमित कुमार के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
जिले के रसूलाबाद, अकबरपुर, सरवनखेड़ा, शिवली समेत सभी जगह झोलाछापों की दुकान स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से चल रही है. स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक व अधिकारियों को सब पता होता है लेकिन मिलीभगत के चलते इस तरफ आंख बंद कर लेते हैं. बाकी दिखावे को कुछ जगह कार्रवाई कर दी जाती है. जिले की बात करें तो इस तरह की दुकाने करीब 100 से ऊपर होंगी. असालतगंज के ग्रामीणों ने बताया कि झोलाछाप करीब आठ वर्ष से दुकान चला रहा लेकिन कभी कोई कार्रवाई तक न हुई.