ABC NEWS: पुराने संसद भवन से पदयात्रा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी सांसद नए संसद भवन पहुंच गए हैं. कुछ देर बाद अब यहीं पर विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होगी. संसद में संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन के लिए निकल गए हैं. उनके साथ सभी सांसद भी हैं. इस यात्रा के नई संसद पहुंचने के बाद ही आज संसद की कार्यवाही शुरू होगी.
इससे पूर्व प्रधामंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस भवन को सिर्फ पुरानी पार्लियामेंट कहकर छोड़ दें तो ऐसा नहीं होना चाहिए. इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि भविष्य में अगर सभी की सहमति हो तो इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए. ताकी यह हमेशा हमारे जीन की प्रेरणा बनी रहे. जब हम इसे संविधान सदन पुकारेंगे तो यह उन महापुरुषों की भी याद दिलाएगी, जो कभी संविधान सभा में बैठा करते थे. भावी पीढ़ी को यह तौहफा देने का अवसर जाने नहीं देना चाहिए.
संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. सेंट्रल हॉल के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने संबोधित किया और कहा कि अब पुरानी इमारत को संविधान सदन के रूप में जाना जाएगा. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में सभी सांसद नई इमारत में गए. आज का दिन इस तरह से ऐतिहासिक हो गया है. आज से ही नए संसद भवन में कार्यवाही भी शुरू हो गई है. आज ही लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया जाना है. सरकार के अजेंडे में महिला आरक्षण विधेयक है जिसे कैबिनेट से कल ही मंजूरी मिल चुकी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसदीय कार्यवाही को नए भवन में ले जाने से पहले कहा कि भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा और जो भी कानून बनाए जाएंगे और संसद में सभी बहसें होनी चाहिए इसका उद्देश्य भारतीय आकांक्षाओं को प्रोत्साहित करना है. प्रधानमंत्री ने कहा, ”अगर हम अपनी सोच का दायरा बड़ा नहीं कर सकते, तो हम भव्य भारत की तस्वीर नहीं बना पाएंगे.”
संसद में बोले पीएम मोदी- मिच्छामी दुक्कड़म
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह रसमय अतीत की हर कड़वाहट को भुलाने का समय है. उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से सभी को मिच्छामी दुक्कड़म. बता दें कि जैन धर्म के मुताबिक मिच्छामी का अर्थ क्षमा करने से और दुक्कड़म का अर्थ गलतियों से है. इसका मतलब होता है कि मेरे द्वारा जाने-अनजाने में की गई गतलियों के लिए मुझे क्षमा करें.