ABC News: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए नलिनी श्रीहर समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोषी पेरारीवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा. दोषियों नलिनी और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. इससे पहले कोर्ट ने इस मामले के दोषी पेरारिवलन को भी इसी आधार पर रिहा किया था.
Supreme Court directs release of six accused including Nalini and RP Ravichandran, serving life imprisonment in connection with the assassination of former Prime Minister Rajiv Gandhi. pic.twitter.com/nguZY99Svc
— ANI (@ANI) November 11, 2022
वहीं, सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था. नलिनी श्रीहर और आरपी रविचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 17 जून को दोषियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था. दोनों दोषियों ने अपनी याचिका में ए जी पेरारीवलन की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपनी रिहाई की मांग की थी. जिनकी रिहाई का आदेश दिया गया है, उनमें नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, जेल में आचरण को भी ध्यान में रखा गया है. तथ्य यह है कि उन्होंने 30 साल से अधिक जेल में बिताए हैं. राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय राज्यपाल पर बाध्यकारी है, लेकिन राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नहीं की. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी को रिहा कर दिया.
My statement on the decision of the Supreme Court to free the remaining killers of former PM Shri. Rajiv Gandhi pic.twitter.com/ErwqnDGZLc
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 11, 2022
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस ने कहा कि यह ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ है. कांग्रेस की तरफ बयान जारी कर कहा गया है, “सुप्रीम कोर्ट का पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने का फैसला पूरी तरह से अस्वीकार्य, पूरी तरह गलत.” कांग्रेस महासचिव ने जयराम रमेश पार्टी की ओर से बयान जारी कर कहा, “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय ने देश की भावना के अनुरूप कार्य नहीं किया. कांग्रेस पार्टी इसकी स्पष्ट रूप से आलोचना करती है और इसे पूरी तरह अक्षम्य मानती है.”