ABC News: आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने काफी लम्बे प्रयास के बाद बड़ी सफलता हासिल की है. आइआइटी के वैज्ञानिकों ने क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराने का सफल परीक्षण किया है. भले ही परीक्षण सफल हो गया है लेकिन अभी इसको लेकर और टेस्टिंग की जाएगी. परीक्षण नागर विमानन निदेशायल की अनुमति के बाद हुआ था.
आइआइटी के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि परीक्षण सफल होने के बाद अब भविष्य में जहां जरूरत होगी, वहां पर क्लाउड सीडिंग करायी जाएगी. कहा जा रहा है कि इस परीक्षण के उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में तकनीक से बारिश कराई जा सकती है. प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि भविष्य में क्लाउड सीडिंग की आवश्यकता पड़ी तो इसके लिए हम तैयार करेंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए अमेरिका से स्पेशल उपकरण इसके लिए मंगाए गए है, इसके अलावा डीजीसीए की क्लीयरेंस भी मिल गई है. प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि आइआइटी कानपुर 2017 से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था. बुधवार को जब परीक्षण किया गया तब सेना के एयरक्राफ्ट की मदद से आइआइटी के उपर हवा में केमिकल पाउडर फायर किया गया. बता दें कि कृत्रिम बारिश की तकनीक चीन ने पहले ही विकसित कर ली है. अपनी तकनीक को चीन ने भारत को देने से इनकार कर दिया था. उसके बाद से आइआइटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने लगातार इस तकनीक की खोज में लगे रहे. लगभग 6 सालों में इस पर वैज्ञानिकों को सफलता मिल गई.
रिपोर्टः सुनील तिवारी