ABC NEWS: शनि ग्रह को ज्योतिष में न्याय और कर्म के देवता के रूप में जाना जाता है. शनि देव सबसे क्रूर ग्रह की श्रेणी में आते हैं और यह व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार फल देते हैं. शनि ग्रह किसी भी व्यक्ति के जीवन में नए बदलाव ला सकते हैं और उनकी गतिविधियों का असर मानव के जीवन को कुछ हद तक प्राभावित भी करता है.
ज्योतिष में कुछ ग्रह अस्त और उदय होते हैं। इसका मुख्य कारण है जब सूर्य देव के निकट कोई ग्रह आता है तो वह अस्त हो जाता है। मतलब उसका प्रभाव कम हो जाता है. इस बार शनि देव कब अस्त होंगे और कब उदय होंगे आइए जानते हैं. साथ ही जानेंगे इस दौरान शनि देव से जुड़े कौन से उपाय आपको करना चाहिए.
क्या है शनि का अस्त होना
ज्योतिष के अनुसार शनि देव तब अस्त होते हैं जब वह सूर्य ग्रह के निकट आ जाते हैं. शनि ग्रह के अस्त होने की अवधि लगभग 33 दिनों की होती है. इस बार शनि ग्रह 2024 में 11 फरवरी को अस्त होंगे. वह कुंभ राशि में अस्त होगे और 18 मार्च, 2024 को फिर से उदय हो जाएंगे मतलब सूर्य से दूर होते ही वह अपने प्रभाव में आ जाएंगे.
ये है शनि अस्त का असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव के अस्त होने पर माना जाता है कि इस दौरान व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां का समान करना पड़ता है जैसे कि दुर्घटना का होना, आर्थिक नुकसान होना और सेहत का ठीक न होना आदि.
शनि अस्त होने के दौरान क्या करना चाहिए
जब शनि देव अस्त हो जाते हैं तो इस दौरान कुछ चीजों का दान करना बहुत कारगर बताया गया है. अस्त शनि से अगर आप परेशान हैं या आपका कोई काम नहीं बन रहा है तो आप इन उपायों को अवश्य अपनाएं.
-शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आपको अपने सामर्थ के अनुसार दान करना चाहिए. दान में आप जरूरतमंदों और गरीबों को भोजन, कपड़े और जरूरत की समाग्रियों का दान कर सकते हैं.
-इस दौरान शनि देव के मंत्र का जाप करने से आपको पीड़ा से राहत मिलेगी. मंत्र इस प्रकार से- “ऊं शं शनैश्चराय नमः”.
-इसके अलावा 33 दिन की अवधि तक हर शनिवार आप शनि देव के मंदिर जाकर उनके निमित सरसों के तेल का दीपदान करें और शनि चालीसा का पाठ कर सकते हैं.
-यदि आप इन 33 दिनों तक हनुमान जी की शरण लेकर उनका नियमित रूप से चालीसा का प्रतिदिन 7 बार पाठ करते हैं. तो आपको इस दौरान मिलने वाले कष्टों से राहत मिलेगी.