ABC NEWS: प्रयागराज में आठ अक्तूबर को एयरफोर्स डे के कार्यक्रम की वजह से इस बार पितृपक्ष में तर्पण-अर्पण त्रिवेणी संगम से कुछ दूरी पर होगा. इस बड़े आयोजन के लिए सेना अभी से वीआईपी घाट और महावीर मार्ग की दुकानों व रहने वालों को हटा रही है जिसके चलते अब तर्पण भी दूर हो सकता है। तीर्थ पुरोहित समाज काली मार्ग और परेड मैदान पर श्राद्ध करने की तैयारी कर रहा है.
आठ अक्तूबर को एयरफोर्स डे पर संगम पर एयर शो होना है. कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित तमाम वीआईपी को न्योता भेजा गया है. ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर संगम किनारे इलाके को खाली कराया जा रहा है. अब 29 सितंबर अमावस्या से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है. इस महीने में देशभर से तर्पण के लिए लोग संगम किनारे आते हैं. जगह खाली कराए जाने के कारण तीर्थ पुरोहितों को भी पीछे हटना होगा.
संगम तट पर रहने वाले तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि दो दिन से प्रशासन व सेना के वाहन क्षेत्र को खाली कराने के लिए घोषणा कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडेय का कहना है कि अगर सेना जमीन खाली कराएगी तो काली मार्ग या फिर परेड मैदान पर तर्पण कराया जाएगा. तीर्थ पुरोहित राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि बुधवार को प्रतिनिधि मंडल ने मेला प्राधिकरण के अफसरों से बात की. पहला विकल्प संगम जाने वाले रास्ते के नीचे ढलान पर दिया गया था, लेकिन गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है तो सहमति रामघाट से काली मार्ग पर शास्त्री ब्रिज तक पर सहमति बन रही है.
बता दें कि उत्तरप्रदेश में मौजूद प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर लोग श्राद्ध कर्म करते हैं. यह वही स्थान है जहां तीन देव नदी गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी का संगम होता है. माना जाता है कि पितृपक्ष के 15 दिनों की अवधि में अपने पितरों की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान, तर्पण, ब्राह्मण भोज करवाएं और पिंडदान और तर्पण सिद्ध या धार्मिक स्थलों पर करने से व्यक्ति को उचित फल की प्राप्त होती है.