ABC News: ईरान में बीते कई हफ्तों से हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. महसा अमिनी की मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ चुकी है. क्या बच्चे, क्या महिलाएं और क्या बुजुर्ग, हर तबके ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. वहीं अब ताजा घटनाक्रम स्थिति को एक नए तरीके से बयां कर रहे हैं. हाल ही में ईरान से कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें लोग मौलवियों की पगड़ी उतारते नजर आ रहे हैं. इसे भी हिजाब विरोध प्रदर्शन के एक हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.
هشدار؛ تلخ و آزاردهنده؛ ویدئو را شهروندی از نازیآباد تهران برایم فرستاده که اوج توحش و بیرحمی حکومت در سرکوب مردم را نشان میدهد. ضرب و شتم گروهی یک معترض در نازی آباد تهران و سپس در حالی که پیکر او با جراحت بر زمین افتاده، شلیک از فاصله چند سانتی متری. #مهسا_امینی pic.twitter.com/IYG8oVCbvJ
— Masih Alinejad ?️ (@AlinejadMasih) November 1, 2022
ईरानियों के मौलवियों की पगड़ी उतारने के कई वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए. वीडियो में एक महिला सड़क पर चलते हुए एक मौलवी के पास दौड़ कर जाती है और अचानक ही उसकी पगड़ी उतार देती है. वहीं एक दूसरे वीडियो में, एक शख्स ने बस स्टॉप पर एक मौलवी की पगड़ी को जबरन उतार दिया.1979 से देश को चलाने वाले मौलवी महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद जनता की हताशा का सामना करने को मजूबर हैं. मौलवी शासकों ने कहा कि चल रहे विरोध प्रदर्शन इस्लामिक रिपब्लिक की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं. इसी बीच, हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन अब सांतवें हफ्ते में प्रवेश कर गया है और सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है.
JEU. Un nombre grandissant de jeunes en #Iran s’amusent à faire tomber les turbans de mollahs en guise de protestation, comme ici, dans la ville sainte de Machhad, dans le nord-est du pays. #MahsaAmini pic.twitter.com/jjg5nkgVHd
— Armin Arefi (@arminarefi) October 28, 2022
ईरान में हिजाब के खिलाफ उठ खड़े इस आंदोलन के पीछे महसा अमिनी की कहानी है. 22 साल की महसा अमिनी 13 सितंबर को कुर्दिस्तान से ईरान की राजधानी तेहरान अपने रिश्तेदारों से मिलने पहुंची थीं. महसा अमीनी के सिर पर हिजाब था, लेकिन ईरान के कानून के मुताबिक वो ठीक नहीं था, क्योंकि उससे महसा अमीनी के बाल दिखाई दे रहे थे. इसके बाद ईरान की मोरल पुलिस महसा को अपने साथ ले गई. कहा गया कि महसा को एक घंटे की शिक्षा देने के लिए ले जाया जा रहा है. ईरान मीडिया के मुताबिक, जिस डिटेंशन सेंटर में महसा गई थी उसके बाहर उनका भाई मौजूद था और भाई ने महसा के चीखने की आवाज सुनी. अरेस्ट होने और अस्पताल जाने के बीच महसा को सिर्फ दो घंटे का वक्त लगा और ईरान सरकार ने कहा कि महसा को हार्ट अटैक आ गया. महसा कोमा में चली गईं और 16 सितंबर को उनकी मौत की खबर आई. महसा की मौत की खबर ईरान में आग की तरह फैली और सालों से दबा गुस्से का ज्वालामुखी फट पड़ा. एक घटना ने ईरान को हिला दिया. महिलाओं ने बीच सड़क पर अपने हिजाब उतारकर जलाना शुरू कर दिया.